इंदौर। सारवान मोहल्ला में रेलवे विस्तारीकरण के कार्य व जमीन अधिग्रहण आदि प्रक्रिया में हो रही लेटलतीफी यहां रहवासियों को आफत का कारण बन गई है। यहां पर रेलवे ट्रेक के किनारे जिन्ह 26 मकानों को हटाना है। उन्हें अब तक ना तो नई जगह पर मकान देने की कोई ठोस प्रक्रिया शुरू हुई ना ही कोई मुआवजा आदि की चर्चा है। वहीं वर्तमान में इन मकानों में रह रहे लोगों को जमीन रेलवे की जद में जाने का हवाला देकर किसी तरह की मूलभूत सुविधा भी नहीं दी जा रही है। जिसके चलते यहां के लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ब्राडगेज कन्वर्जन के बाद रेलवे विस्तारीकरण कार्य के लिए महू रेलवे स्टेशन से पीठ रोड, सारवान मोहल्ला में बाधक मकानों व जमीनों का मामला लगातार चल रहा है। इसके लिए रेलवे को जो जमीन चाहिए उसमें करीब 1944 वर्गमीटर के हिस्से में कई छोटे-बड़े मकान आ रहे है। इसमें से सारवान मोहल्ला एरिया में रक्षा संपदा विभाग व कैंटबोर्ड के 26 वैध मकानों को इस जमीन अधिग्रहण के बदले कोदरिया में नई जगह पर स्थापित करने की तैयारी है। इस जमीन अधिग्रहण को लेकर पिछले 11 सालों से सतत कार्रवाई चल रही है।
वहीं पिछले चार साल में तो रेलवे, रक्षा संपदा विभाग व कैंटबोर्ड के अधिकारियों ने कई बार संयुक्त दौरा भी कर लिया है। जिसके बाद कोदरिया में इन 26 मकान धारकों को भेजने की प्लानिंग की गई थी। लेकिन अब तक इस पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके चलते यहां रहने वाले 26 मकानधारकों को जमीन अधिग्रहण का हवाला देकर कैंटबोर्ड भी किसी तरह की सुविधा नहीं दे रही है। जिससे उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जीएम ने यह कहकर टाला था कि जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में समय लगता है
कुछ दिन पूर्व ही डॉ. आंबेडकर नगर स्टेशन पर दौरा करने पहुंचे पश्चिम रेलवे के जीएम आलोक कंसल व डीआरएम विनित गुप्ता से जब इस जमीन अधिग्रहण में हो रही देरी को लेकर पत्रकारों ने सवाल किया था तो जीएम ने कहा था कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में समय लगता है। यह प्रक्रिया तेजी से चल रही है। जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।
रहवासी बोले - रेलवे हमें मकान नहीं दे रही
यहां 26 मकान धारकों में से एक मकान के रहवासी कपिल सोलंकी ने बताया कि चार साल से हम लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे, रक्षा संपदा विभाग व कैंटबोर्ड के अधिकारियों के दल ने दौरा कर कोदरिया में हमें मकान उपलब्ध कराने की बात कहीं थी। कोदरिया में रेलवे ने कुछ मकान बनाए हैं। लेकिन वह मकान हमारे लिए नहीं रेलवे अधिकारियों के लिए बने हैं। हमारे मकानों को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है। वहीं अभी हम जहां रह रहे है वहां पर बारिश में कीचड़ व गर्मी में पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ता है। हम जब भी मूलभूत सुविधा को लेकर कैंटबोर्ड से मांग करते है तो कैंटबोर्ड से हमें जवाब मिलता है कि आप लोगों की जमीन अधिग्रहीत होने वाली है। जिसके चलते पिछले चार साल से हमें ना तो हमारी जमीन अधिग्रहीत हुई, ना ही हमें नई जगह भेजा और अभी हम जहां रह रहे है वहां पर हमें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रही है। जिससे हमें बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इंदौर
रेलवे विस्तारीकरण में लेटलतीफी, चार साल हो गए नई जगह पर नहीं दिया मकान
- 24 Aug 2021