इंदौर। महू से सनावद के बीच ब्राडगेज लाइन बिछाने के लिए अलाइनमेंट का सर्वे कर रही कंपनी 75 प्रतिशत काम छोड़ कर चली गई है। अब रेलवे ने नया करीब आठ करोड़ की लागत का टेंडर किया है। पुरानी कंपनी का काम इस माह पूरा होना था, उसके बाद रेलवे भूमि अधिग्रहण का काम शुरू करने वाली थी। अब एक बार फिर इस मामले में देरी होना तय है। विशेषज्ञ इसे परियोजना को लेकर बड़ा नुकसान बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह महीना तो टेंडर प्रक्रिया में निकल जाएगा। इसके बाद कंपनी को चार माह का समय दिया गया है। बारिश में काम मुश्किल होगा। पिछले बजट में 350 करोड़ रुपये डूब गए थे। इस साल के बजट में 800 करोड़ भी डूबना तय है।
डीआरएम विनीत गुप्ता का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम के कारण करीब दो माह तक की देरी हो सकती है। सांसद शंकर लालवानी का कहना है कि हम मामले में अधिकारियों से बात करेंगे। जानकारी के मुताबिक रतलाम, इंदौर, महू, खंडवा रेल प्रोजेक्ट में खंडवा से सनावद के बीच का काम लगभग पूरा हो गया है। सालों से लंबित इस प्रोजेक्ट में महू से सनावद तक का काम प्रमुख रूप से होना है। इसमें वन विभाग की काफी जमीन है, जिसे लाइन बिछाने के लिए अधिग्रहित किया जाना है। महू-सनावद गेज परिवर्तन परियोजना के लिए दोबारा सर्वे करवाना पड़ रहा था। जो अगले माह पूरा होना था। अब नया टेंडर जारी किया गया है।
पहले ही लेट है प्रोजेक्ट
2008 में जब रतलाम-इंदौर-महूसनावद-खंडवा-अकोला बड़ी लाइन प्रोजेक्ट मंजूर हुआ था, तब इसकी लागत 1400 करोड़ रुपये थी। जो बढ़ कर 4000 करोड़ हो गई है। अब महज महू-सनावद प्रोजेक्ट में ही 2400 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है।
इंदौर
रेल लाइन परियोजना का सर्वे अधूरा छोड़ा
- 11 Apr 2022