आलीराजपुर। वर्ष 2019 में शहर में पहली बार रेलगाड़ी आई थी। हालांकि पांच माह रेलगाड़ी चलने के बाद ही कोरोना महामारी के कारण इस पर विराम लग गया। इस बीच रेलवे ने विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया। छोटा उदयपुर से आलीराजपुर के मध्य उक्त कार्य किया जा रहा है। यह काम होने के बाद ही रेल सेवा प्रारंभ हो सकेगी।
30 अक्टूबर 2019 को आलीराजपुर की धरती पर पहली यात्री रेल आई थी। बड़ौदा से छोटा उदयपुर के बीच रेल लाइन पहले से बिछी थी। छोटा उदयपुर से आलीराजपुर तक 48 किमी रेल लाइन के लिए यहां के बाशिंदों को आजादी के बाद 72 साल इंतजार करना पड़ा। यह लाइन छोटा उदयपुर-धार रेल परियोजना का हिस्सा है। करीब 5 माह ही रेल का संचालन हो पाया था कि कोरोना महामारी के कारण मार्च में परिचालन बंद हो गया। इस बीच रेलवे ने विद्युतीकरण का कार्य आरंभ कर दिया। रेलवे का कहना है कि उक्त काम पूरा होने के बाद ही रेलगाड़ी का परिचालन प्रारंभ होगा। बता दें कि आलीराजपुर से बड़ौदा के लिए लोगों को फिलहाल सड़क मार्ग से जाना पड़ रहा है। बस में प्रति व्यक्ति किराया 150 रुपये है, जबकि रेल में यह 35 रुपये लग रहा था। रेल से बेहद कम किराये में फल, सब्जी सहित अन्य वनोपज बड़ौदा पहुंच रही थी। इससे स्थानीय लोगों को वहां अच्छे दाम मिल रहे थे। व्यापार, चिकित्सा सहित अन्य काम के लिए भी बड़ी संख्या में यहां से लोग गुजरात जाते हैं। काफी कम किराये में वे बड़ौदा तक पहुंच रहे थे। प्रवासी श्रमिकों को भी रेल सेवा का खासा लाभ मिल रहा था। हालांकि अब रेल सेवा बहान होने का लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है।
टाइम टेबल रिवर्स करने और शहर में ठहराव की भी उठती रही मांग
रेलवे द्वारा निर्धारित टाइम टेबल के अनुसार रेलगाड़ी सुबह बड़ौदा से चलती है और शाम को यहां से। इसे रिवर्स करने की मांग उठाई जाती रही है। अगर रेलगाड़ी सुबह यहां से चले और शाम को लौटे तो अधिक फायदा क्षेत्र को मिल सकेगा। देूसरी ओर शहर का रेलवे स्टेशन नगर से सात किमी दूर कुक्षी रोड पर ग्राम सेजा में है। रेलगाड़ी का ठहराव नगर में किए जाने की मांग भी उठती रही है, इससे शहरवासियों को खासी सुविधा होगी।
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रेल सेवा के लिए विद्युतीकरण पूर्ण होने का इंतजार
- 26 May 2022