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भोपाल

राशन घोटाला, अब  आप की एंट्री

  • 08 Sep 2022

विधायक के ट्वीट पर सीएम शिवराज सिंह चौहान का पलटवार, कमलनाथ हुए हमलावर
भोपाल। मप्र में आंगनवाडिय़ों में टेक होम राशन की सप्लाई को लेकर मचा बवाल थम नहीं रहा है। सीएजी की रिपोर्ट में उठे सवालों पर कांग्रेस के बाद अब आम आदमी पार्टी (आप) हमलावर हो गई है। दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान ने ट्वीट करते हुए प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए। इस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए केजरीवाल सरकार को घेरा।
आप  विधायक ने मप्र सरकार को घेरा-
दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बाल्यान ने ट्वीट करते हुए लिखा- जो बच्चों का राशन घोटाला हुआ है, उसकी हैवानियत का अंदाज़ा इस बात से लगा सकते हैं कि राशन ट्रक के नाम पर बाइक, ऑटो का नम्बर दिया गया। लाखों बच्चे रातों-रात राशन लेने वालों के नाम में जोड़े गए, जबकि इन नाम के बच्चों का अता-पता नहीं। ये विभाग खुद शिवराज चौहान जी के पास है। आप विधायक ने फिर लिखा- शिवराज जी, मैंने जो मुद्दे उठाये आप उस मुद्दे का जवाब देने की बजाय बात को कही और डायवर्ट कर रहे हैं। 36 पन्नों की रिपोर्ट में अरबों के घोटाले का ज़िक्र है। ये प्रारम्भिक और अंतिम रिपोर्ट क्या होता है? मतलब आप अभी से तैयारी कर रखे हैं की इसे झुठला देना है?
सीएम शिवराज ने केजरीवाल सरकार पर बोला हमला
ट्वीट पर सीएम शिवराज ने पलटवार किया। उन्होंने लिखा- ये अंतिम रिपोर्ट नहीं है। प्रारंभिक रिपोर्ट है, जिस पर अभी विभाग को अपना पक्ष प्रस्तुत करना है। कांग्रेस ने पोषण आहार संयंत्रों को महिला स्व-सहायता समूहों से वापस लेने की कार्यवाही की थी। कांग्रेस शासनकाल में निम्न स्तर का पोषण देने पर 35 करोड़ की राशि रोकी गई। हाँ, अरविंद केजरीवाल जी और मनीष सिसोदिया जी आपकी आम आदमी पार्टी ने तो चार वर्ष से रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा में प्रस्तुत ही नहीं की। कहीं आपके घोटाले सामने न आ जाएं।
गृहमंत्री ने रिपोर्ट की आपत्तियों पर दिया जवाब
टेक होम राशन सप्लाई को लेकर सीएजी की रिपोर्ट में आई आपत्तियों पर सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आठ पॉइंट्स पर जवाब दिया है।
ऑडिट की आपत्ति नंबर- 1- ऑडिट में कहा गया है कि महिला एवं बाल विकास ने बेस लाइन सर्वे नहीं किया। उन्होंने ऐसी बालिकाएं, जो स्कूल में पढाई नहीं कर रही थीं, उनकी संख्या 36 लाख बताई, जबकि स्कूल शिक्षा विभाग ने यह संख्?या 9 इजार बताई है।
सरकार का जवाब- महिला एवं बाल विकास के सर्वे में पाया कि 2 लाख 52 हजार बालिकाएं ऐसी हैं, जो स्कूलों नहीं जा रही रही हैं। यह आंकड़ा भारत सरकार को भी सितम्बर 2018 में भेजा गया है। इन्हीं बालिकाओं को पोषण आहार दिया गया। 36 लाख का आंकड़ा विभाग ने ऑडिट को नहीं दिया। स्कूल शिक्षा विभाग की संख्या में वह बालिकाएं शामिल हैं, जो किसी स्कूल में दर्ज नहीं है। महिला बाल विकास के सर्वे में वो बालिकाएं शामिल हैं, जो स्कूल नहीं जातीं। भले ही उनका नाम स्कूल में दर्ज है। इस तरह स्कूल शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास का आंकड़ा कभी भी एक नहीं हो सकता। यह कार्यवाही केन्द्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक है।
कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में गडबड़ी के आरोप
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि साल 2018 में भाजपा की सरकार ने 7 पोषण आहार संयंत्रों का निर्माण किया था। उन्हें महिला स्व-समूहों को चलाने के लिए सौंपा था। कांग्रेस सरकार ने 16 जनवरी 2020 को आदेश कर ये संयत्र महिला समूहों से वापस लेकर एमपी एग्रो को दे दिए। यह कार्यवाही इसलिए की थी, ताकि इन प्लांट्स का मैनेजमेंट निजी ठेकेदारों को सौंपे सकें। उनकी यह महिला विरोधी और ठेकेदारों को समर्थन करने की नीति थी।