भोपाल। मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अफसरों पर बुधवार को शिकंजा कसा है। भोपाल में ऊर्जा विभाग के अधीक्षण यंत्री और बुरहानपुर के नेपानगर एसडीएम का दलाल 1-1 लाख रुपए की घूस लेते पकड़े गए हैं। इसके अलावा खकनार में बीईओ कार्यालय का बाबू 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते दबोचा गया है। रायसेन में भी नगरपालिका के दो कर्मचारी 8 हजार रुपए की घूस लेते पकड़े गए। चारों मामलों में कार्रवाई लोकायुक्त पुलिस ने की।
लोकायुक्त पुलिस भोपाल ने सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के चार्जिंग व विद्युत ठेकेदारी लाइसेंस की स्वीकृति देने के एवज में ऊर्जा विभाग के अधीक्षण यंत्री को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा है। आरोपी ने निजी कंपनी की महिला कर्मचारी से 15 लाख रुपए मांगे थे। बुधवार को पहली किस्त लेकर महिला सतपुड़ा भवन स्थित उसके ऑफिस में पहुंची थी।
डीएसपी सलिल शर्मा ने बताया कि ग्लोबल हाइट्स गुडग़ांव निवासी अस्मिता पाठक दर्श रिन्युअल प्रा.लि. के लिए ऊर्जा सलाहकार का काम करती हैं। उन्होंने 20 सितंबर को लोकायुक्त को शिकायत की थी कि कंपनी का सिंगरौली में 25 मेगावाट सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के चार्जिंग व विद्युत ठेकेदारी लाइसेंस के लिए ऊर्जा विभाग, सतपुड़ा भवन में आवेदन किया था। जहां, अधीक्षण यंत्री अजय प्रताप सिंह जादौन ने लाइसेंस जारी करने के लिए 15 लाख रुपए मांगे। पैसे नहीं देने पर लाइसेंस की प्रक्रिया में देरी करता रहा।
परेशान होकर महिला ने अजय से बात की। पहली किस्त में 1 लाख रुपए की रिश्वत देना तय हुआ। बुधवार को करीब 3 बजे अस्मिता 1 लाख रुपए लेकर सतपुड़ा भवन के तीसरे तल पर अजय के ऑफिस पहुंची। अजय ने उन्हें थोड़ी देर तक रोके रखा। इसके बाद पार्किंग में लेकर पहुंचा, जहां काले रंग के रुपयों से भरा बैग कार में रख लिया। इसके बाद आसपास घूमता रहा। थोड़ी देर बाद कार में बैठकर जाने लगा, तभी टीम ने दबोच लिया।
मंत्री ने दी थी हिदायत
बताया गया कि 8 सितंबर को ऊर्जा मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर ने सतपुड़ा भवन में ऊर्जा विभाग के कार्यालय का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान वे अजय के कक्ष में रखी फाइलों को देखा था। तब उन्होंने अजय को पेंडिंग पड़ी फाइलों को निपटारे के लिए हिदायत दी थी। बावजूद वह मंत्री की हिदायत को दरकिनार कर फाइलों को रोकता रहा।
एसडीएम का दलाल 1 लाख की रिश्वत लेते पकड़ाया
लोकायुक्त इंदौर ने बुधवार को नेपानगर एसडीएम दीपक चौहान के दलाल को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा है। नितिन सेन पुत्र शंकर सेन निवासी दहिंदा गांव तहसील खकनार जिला बुरहानपुर की शिकायत पर ट्रैप की कार्रवाई हुई। इसके बाद एसडीएम दीपक चौहान और दलाल सूर्यपाल सिंह (23) निवासी दरियापुर जिला बुरहानपुर को आरोपी बनाया गया। नितिन सेन ने श्रीचंद झोले से 7-8 साल पहले 3000 वर्गफीट जमीन खरीदी थी। इसे बाद में उसने लेने के लिए पिता के नाम से रजिस्ट्री करा ली। इस पर नेपानगर एसडीएम दीपक चौहान के पास मामला पहुंचा। नितिन ने अवैध रूप से अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति की जमीन को अवैधानिक तरीके से अपने नाम करा लिया। इस संबंध में आवेदक से प्रकरण के निराकरण के लिए 5 लाख रुपए मांगे गए। शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ने रिकॉर्डिंग कराई। बातचीत के दौरान डेढ़ लाख रुपए लेन-देन तय हुआ। 50 हजार रुपए की राशि ले भी ली गई। बातचीत के अनुसार शेष राशि आरोपी किशन कनेश द्वारा दरियापुर निवासी सूर्यपाल सिंह को देने के लिए बताया गया। बुधवार शाम लोकायुक्त ने एसडीएम का दलाल सूर्यपाल सिंह पुत्र सुमेर सिंह को एक लाख रुपए लेते पकड़ा। मामले में सूर्यपाल सिंह और दीपक सिंह चौहान को आरोपी बनाया गया है।
बीईओ का बाबू 30 हजार रुपए लेते पकड़ाया
लोकायुक्त इंदौर ने बुरहानपुर में बुधवार को बीईओ कार्यालय के बाबू को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा है। रिटायर प्रधान पाठक उखर्डू पुत्र मोरुजी सावकारे (63) ने एसपी लोकायुक्त कार्यालय से शिकायत की थी। उन्होंने शिकायत में बताया कि वह प्रधान पाठक के पद से 31 मार्च 2021 को सेवानिवृत्त हुआ है। इसके बाद जीपीएफ की राशि, अवकाश भुगतान की राशि, ग्रेच्युटी और पेंशन बननी थी। इस संबंध में उन्होंने बीईओ कार्यालय के बड़े बाबू रामचरण पटेल से मिलकर भुगतान के लिए कहा। रामचरण पटेल ने सितंबर 2021 में आवेदक की ग्रेच्युटी व पेंशन का निराकरण कर दिया। इसके बाद जीपीएफ और अवकाश भुगतान की राशि के संबंध में रामचरण ने 30 हजार रुपए मांगे। रिकॉर्डिंग के दौरान आवेदक से 80 हजार रुपए मांगे गए। बुधवार को रामचरण पटेल लेखापाल बीईओ कार्यालय खकनार को 30 हजार की रिश्वत लेते पकड़ लिया।
मंडीदीप में नपा कर्मचारी टीम को देख भागे
भोपाल लोकायुक्त पुलिस ने 8 हजार की रिश्वत लेते नगरपालिका के दो कर्मचारियों को पकड़ा। आरोपी कतार सिंह और परमानंद विश्वकर्मा हैं। टीम को आता देख रिश्वत के रुपए पानीपुरी के ठेले पर फेंक कर दोनों भाग गए। लोकायुक्त ने बुधवार शाम मंडीदीप नगर पालिका के दो कर्मचारियों को प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्त डालने के एवज में 10 हजार की घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। फरियादी रामाराव गणेश ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्त निकालने के लिए कतार और परमानंद ने 10 हजार रुपए मांगे। 8 हजार में सौदा तय किया गया। पीडि़त ने शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की। शाम को रामाराव ने आरोपियों को नोट थमाए। जब कर्मचारियों ने लोकायुक्त को आता देखा, तो उन्होंने पास में लगे पानीपुरी के ठेले पर पैसे फेंक दिए। लोकायुक्त पुलिस ने ठेले पर आकर जांच पड़ताल शुरू कर राशि को जब्त कर लिया।
भोपाल
रिश्वतखोर अफसरों की धरपकड़
- 23 Sep 2021