भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को रायसेन व खंडवा कलेक्टर पर नाराजगी जताई। उन्होंने रायसेन कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे से कहा- आपका मातहत स्ष्ठरू रिश्वत ले रहा है, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अन्य जिलों के कलेक्टरों से कहा कि रायसेन में रिश्वत लेने जैसे मामले दूसरी जगह नहीं होना चाहिए। यदि कोई पैसे लेते पकड़ा जाएगा, तो उसे नौकरी से बर्खास्त करें। विजिलेंस सिस्टम को मजबूत रखें। अपने स्तर पर नजर रखें। ऐसे लोगों पर कार्रवाई करें।
रायसेन जिले में गैरतगंज के एसडीएम मनीष कुमार जैन, उनके ओएसडी दीपक श्रीवास्तव और कंप्यूटर ऑपरेटर राम नारायण अहिरवार को 45 हजार रुपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने एक दिन पहले ही बुधवार को पकड़ा था। तीनों ने व्यापारी से क्रेशर को अनुमति देने के एवज में एक लाख रुपए मांगे थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कोरोना के बढ़ते केस और 15 से 18 साल तक के बच्चों को 3 जनवरी से शुुरू हो रहे वैक्सीनेशन प्रोग्राम की समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस दौरान 12 जनवरी को प्रदेश में आयोजित होने वाले रोजगार मेले को लेकर भी मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से बात की। इस दौरान वन मंत्री विजय शाह ने मुख्यमंत्री से खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह की शिकायत कर दी। शाह ने कहा कि कलेक्टर ने बिना सूचना दिए रोजगार मेला लगा लिया। प्रदेश में 12 जनवरी को बड़े पैमाने पर यह मेले आयोजित करने की तैयारी चल रही है। इस पर मुख्यमंत्री नाराज हुए। उन्होंने कलेक्टर से कहा कि यह ठीक नहीं है।
12 जनवरी को मनेगा रोजगार दिवस
सरकार 12 जनवरी को रोजगार दिवस मनाएगी। इसके लिए प्रदेश में हर जिले और ब्लॉक में कार्यक्रम होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार मतलब सिर्फ सरकारी नौकरियां नहीं है, युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩा है। निजी क्षेत्र में भी कुशल लोगों को नौकरियां मिलें, इस पर भी फोकस किया जाए। हर जिले में प्रभारी मंत्री रोजगार मेले में मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री संभवत: जबलपुर में आयोजित मुख्य आयोजन में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा है कि युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए उन्हें बैंक लोन दिलाएं। वे खुद बैंकों से बात करें, ताकि लोन आसानी से मिल सके।
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सरकार का नया दांव:कमलनाथ सरकार का परिसीमन फिर समाप्त
पंचायत चुनाव में आरक्षण और परिसीमन को लेकर बैकफुट पर आई शिवराज सरकार ने अब नया दांव खेला है। सरकार ने कमलनाथ सरकार में हुए परिसीमन को एक बार फिर समाप्त कर दिया है। इसके लिए नया अध्यादेश लागू किया गया है। इसकी अधिसूचना पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने गुरुवार देर शाम जारी की गई है। अब जिला पंचायत से लेकर ग्राम पंचायत तक का परिसीमन नए सिरे से किया जाएगा। पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश 2021 की अधिसूचना में कहा गया है कि चुनाव की अधिसूचना राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किसी भी कारण से ऐसे परिसीमन के प्रकाशन की तारीख से 18 माह की अवधि के भीतर जारी नहीं की जाती है, तो प्रकाशित परिसीमन व विभाजन निरस्त माना जाएगा। इससे पहले सरकार ने एक महीने पहले कमलनाथ सरकार के दौरान 2019 को लागू परिसीमन और आरक्षण को समाप्त करने के लिए अध्यादेश लागू किया था, जिसे 26 दिसंबर को वापस ले लिया गया था। कमलनाथ सरकार ने सिंतबर 2019 में प्रदेश में जिले से लेकर ग्राम पंचायतों तक नया परिसीमन कर करीब 1200 नई पंचायतें बनाई थी, जबकि 102 ग्राम पंचायतों को समाप्त कर दिया गया था। इसी तरह, 1950 की सीमा में बदलाव भी किया गया था। शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच 22 नंवबर को ऐसी पंचायतों के परिसीमन को निरस्त कर दिया था, जहां बीते एक साल से चुनाव नहीं हुए थे। ऐसी सभी जिला, जनपद या ग्राम पंचायतों में पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया गया था। यानी 2014 में हुए चुनाव के दौरान थे। सरकार के इस फैसले को कांग्रेस ने कोर्ट में चुनौती दी थी। इस बीच, पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण का नया पेंच आने के बाद सरकार ने इस अध्यादेश को वापस ले लिया था। इसके लिए 26 दिसंबर को रविवार के दिन कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी। इसी दिन राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई।
DGR विशेष
रिश्वतखोरी पर सीएम सख्त, मुख्यमंत्री सभी कलेक्टरों से कहा, रायसेन-खंडवा जैसे मामले दोबारा न हों, घूसखोरों को बर्खास्त करो
- 31 Dec 2021