(जन्म- 23 दिसम्बर, 1845; मृत्यु- 1921)
भारतीय राजनीतिज्ञ, जानेमाने अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता थे। वह गोपाल कृष्ण गोखले के राजनीतिक विचारों से बहुत प्रभावित थे। उनके लिए भारत में ब्रिटिश शासन एक आशीर्वाद था और उन्हें ब्रिटेन पर काफ़ी भरोसा था। सन 1906 में कलकत्ता में कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में रास बिहारी घोष स्वागत समिति के अध्यक्ष बने थे। इसके अगले ही वर्ष उन्होंने सूरत अधिवेशन की अध्यक्षता की थी। रास बिहारी घोष का जन्म पश्चिम बंगाल के बर्दवान में 23 दिसंबर, 1845 ई. को हुआ था। कुछ वक्त के लिए स्थानीय पाठशाला में पढ़ने के बाद उन्होंने बर्दवान राज कॉलेजिएट स्कूल में शिक्षा ग्रहण की। बांकुड़ा से प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज, कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में प्रवेश लिया। उन्होंने प्रथम श्रेणी में एम.ए. अंग्रेज़ी की परीक्षा पास की। सन 1871 में उन्होंने क़ानून की शिक्षा ग्रहण की और फिर 1884 में उन्हें डॉक्टर ऑफ़ लॉ की मानद उपाधि से नवाजा गया।
व्यक्तित्व विशेष
रास बिहारी घोष
- 23 Dec 2022