जांच और पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा, दूसरे राज्यों से आ रहा नशा
इंदौर। नशे पर वार के पुलिस द्वारा लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए क्राइम ब्रांच के साथ ही सभी थानों की पुलिस भी सक्रिय है और अलग-अलग टीमें नशे के सौदागरों की धरपकड़ कर रही है। ऑपरेशन क्राइम कंट्रोल में तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का असर भी देखने को मिला और दो साल में कार्रवाई करते हुए करीब 500 तस्करों को गिरफ्त में लिया गया है। इन तस्करों के पकड़ाने के बाद पूछताछ और जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस को पता चला कि शहर में दूसरे राज्यों से नशा लाकर यहां पर खपाया जा रहा है। इसके चलते अब पुलिस पूरी लिंक खोजकर नेटवर्क ध्वस्त करने में जुटी है। अफसरों का दावा है कि जल्दी ही इसमें सफलता मिलेगी।
ड्रग्स भेजने वाले रूट का पता चला
शहर में लगातार ड्रग्स की तस्करी बढ़ रही है। युवाओं को नशे का लती बना रहे हैं, जिससे अपराधों में भी बढ़ोतरी हुई है। पुलिस ने कुछ दिनों में कम उम्र के बालकों को ड्रग्स की तस्करी करते पकड़ा है। जांच में खुलासा हुआ कि तस्कर ओडिशा, मुंबई, दिल्ली, राजस्थान और बिहार से इंदौर में नशा सामग्री भेज रहे हैं। पुलिस ने पिछले दिनों ऐसे कई तस्करों को पकड़ा है, जिन्होंने शहर में ड्रग्स भेजने वाले रूट का खुलासा किया है।
इतने तस्कर पकड़े
जानकारी के मुताबिक, नेशनल इंटीग्रेटेड डेटाबेस नार्को रिपीट ऑफेंडर्स (निदान पोर्टल) के हिसाब से पिछले 2 वर्ष में बाहर से शहर में आने वाले 498 अपराधी पकड़े गए हैं। इंदौर पुलिस के 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, नशे की तस्करी करने वाले 139 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 2023 में पुलिस ने 260 तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा है।
बड़ी समस्या बना नशा
अधिकारियों का भी कहना है कि इंदौर में नशा सबसे बड़ी समस्या बन चुका है। जांच और थानों की डिटेल से पता चला है कि शहर में रोजाना 6 हजार से ज्यादा लोग करीब 600 ग्राम स्मैक का नशा कर रहे हैं। हालांकि शहर में नशे की सप्लाइ डिमांड अनुसार बढ़ती जा रही है। इसके लिए पुलिस के साथ जनता को भी मिलकर प्रयास करना होंगे।
खंगाल रहे नशा सप्लाई की चेन
इंदौर शहर में नशे की सप्लाई की चेन पुलिस ने खंगालना शुरू कर दी है। पुलिस गिरफ्त में आए नशा तस्करों से शहर में आने वाले नशे का रोड मैप तैयार किया गया है। इसके आधार पर अब पुलिस नशे के सौदागरों का पूरा नेटवर्क ध्वस्त करने की तैयारी में है।
कहां से आ रहा कौनसा नशा
शहर में अलग-अलग राज्यों के शहरों से अलग-अलग नशा आता है। पुलिस की जांच में चौंकाने वाला खुलासा यह भी हुआ कि पुलिस की सख्ती के चलते नशे के सौदागर अपना रूट बदलकर किसी न किसी तरह शहर में नशा पहुंचाते हैं। ऐसे में अब मां अहिल्या की नगरी को उड़ता इंदौर बनने से बचाने के लिए पुलिस ने पूरी तरह से कमर कस ली है। ओडिशा से निकलकर रायपुर और भोपाल के बाद सेंट्रल मालवा रीजन में मादक गांजा पदार्थ पहुंच रहा है। वहीं एमडी ड्रग्स मुंबई से इंदौर आ रही है। नोएडा, दिल्ली के तस्करों ने भी इंदौर का रुख कर लिया है। इसी प्रकार ब्राउन शुगर और हेरोइनराजस्थान से मंदसौर होते हुए उज्जैन के रास्ते इंदौर पहुंच रही है। उधर, चरस बिहार से होते हुए देवास के रास्ते इंदौर पहुंच रही है।
नशे से दूर करने नवाचार
पुलिस द्वारा युवाओं को नशे की लत से दूर रखने के लिए नवाचार किया है। वह एडीपीएस एक्ट के अपराधियों को इस शर्त पर बेल देते हैं कि उन्हें रिहैब सेंटर में भर्ती किया जाएगा। अब तक 16 लोगों को रिहैब सेंटर भेज चुके हैं। नशे की लत में डूबे गरीब तबके के युवाओं को नशा मुक्ति केंद्र में जाने के लिए 25 से 30 हजार रुपए प्रवेश शुल्क देना होता है। इसके अलावा 20 हजार रुपए केवल 3 महीने का शुल्क लगता है। हालांकि, शहर में कुछ सरकारी रिहैब सेंटर मुफ्त में नशा छुड़वाते हैं।
युवा हो रहे महंगे नशे के आदि
पिछले दस वर्ष में नशा करने वालों और इसके कारोबार में इजाफा हुआ है। हमारे पास अब पहले से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। यह कहना है डॉ. रामगुलाम राजदान, पूर्व डीन शासकीय मानसिक रोग चिकित्सालय बाणगंगा का। उन्होंने बताया कि इंदौर में हॉस्टल सहित अकेले रहने वाले युवाओं की संख्या लाखों में है। ऐसे में इनमें से कई गलत संगत में पड़ जाते हैं। मध्यम व उच्च वर्ग के कई युवा महंगे नशे के आदी हो रहे हैं। इंदौर में ब्राउन शुगर का नशा करने वाले युवा भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जो बेहद ही चिंताजनक स्थिति है, इसलिए पार्टी कल्चर पर नजर रखनी बेहद जरूरी है। प्रशासन को बस्ती, कस्बे से लेकर पॉश एरिया तक में कठोर निगरानी रखनी होगी, ताकि इसे बेचने वाले भी गिरफ्त में आ सके।
इंदौर
लगातार दबिश से दो साल में ... 500 तस्कर गिरफ्त में
- 22 Feb 2024