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इंदौर

लघु श्रेणी फुटवियर उद्योगों पर बीआईएस की अनिवार्यता लागू होने से  फुटवियर  उद्योग खतरे में

  • 05 Jul 2023

इंदौर। जनवरी 2024 से फुटवियर से जुड़े सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों पर बीआईएस नियमों को अनिवार्य किया जा रहा है, इससे छोटे उद्योगों का भविष्य खतरे में पड़ता नजर आ रहा है। बीआईएस के नियमों के लागू होने से पूंजी निवेश बढेगा, जगह अधिक लगेगी, जो छोटे उद्योगों के लिए असंभव है।
इसी विषय की गंभीरता को देखते हुए एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने फुटवियर से जुडे उद्योगपतियों के साथ इंदौर के सांसद माननीय शंकर लालवानी से भेट की और उन्हें फुटवियर उद्योगों की परेशानी साझा की। आपने कहा कि मै इस मुद्दे को केन्द्र सरकार के समक्ष रखुंगा साथ ही इस समस्या के समाधान हेतु आपकी भेट केन्द्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री माननीय पीयुष गोयल के साथ भी कराउंगा। आपने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि यह राष्ट्रीयस्तर का मुद्दा है जिसमें समस्त फुटवियर निमार्ताओं पर इसका असर पडेगा। अध्यक्ष योगेश मेहता ने कहा कि एसोसिएशन भी अपने स्तर पर अन्य राज्यों के फुटवियर निमार्ताओं के साथ समन्वय बनाकर एकजुटता के साथ इस मामले को केन्द्र के समक्ष प्रस्तुत करने का पूरजोर प्रयास करेगा जिससे की लघु श्रेणी फुटवियर उद्योग जिवित रह सकेगा।
फुटवियर निर्माता गिरिश पंजाबी एवं अमित संचेती ने बताया कि बीआईएस नियमों के लागू होने पर लघु श्रेणी उद्योग की इनपुट कॉस्ट बहुत अधिक बढ़ जायेगी जिसके कारण इकाईयां अव्यवहार्य हो जाएगी। गरीबों तबको के लिए रोजमर्रा के पहनावे के फुटवियर सस्ते मिलते है लेकिन बीआईएस नियमों के लागू होते ही रॉ मटेरियल की लागत बढ़ जायेगी और लागत बढऩे से कई इकाईयों का कामकाज असंभव होने से वे बंद हो जायेगी और गरीबों के सस्ते फुटवियर बाजार से गुम हो जायेगें। उद्योगों के बंद होने का सीधा परिणाम रोजगार पर होगा। सासंद से हुई भेटवार्ता में श्री प्रकाश जैन, श्री तरूण व्यास, श्री प्रमोद डफरिया, श्री गिरिश पंजाबी, श्री अमित संचेती सहित कई फुटवियर निमार्ता उपस्थित थे।