उज्जैन। देशभर से भगवान महाकाल के दर्शन को आने वाले भक्तों की पसंद मंदिर की लड्डू प्रसादी भी है। जद्दोजहद से किसी तरह भगवान के दर्शन तो वे कर पा रहे हैं लेकिन लड्डू प्रसादी के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। कुछ दिनों से तो काउंटरों पर प्रसाद ही गायब थी। गुरुवार को मंदिर के चार काउंटर से प्रसाद मिलने लगा लेकिन आपाधापी के बीच। मंदिर में दर्शन के लिए रोजाना 20-25 हजार श्रद्धालु आ रहे हैं। इस लिहाज से और काउंटर बढ़ाना चाहिए।
जानिए... मांग और खपत
शनिवार, रविवार व सोमवार की खपत 52 क्विंटल प्रतिदिन
अन्य दिनों में लड्डू की खपत 25-30 क्विंटल
पिछले साल श्रावण की खपत 42 क्विंटल प्रतिदिन
लड्डू निर्माण में 50 लोगों की टीम
प्रतिदिन 12 घंटे निरंतर लड्डू बनते हैं
साल 2003 में ललड्डू 110 रुपए था व खपत 10-15 किलो प्रतिदिन
अब 300 रुपए व खपत आम दिनों में 28 से 30 क्विंटल
प्रसादी के लिए काउंटर बढ़ाना पड़ेंगे
वास्तव में ये सही है कि नियमित रूप से प्रसाद काउंटरों पर प्रसाद नहीं मिल पा रहा है, जबकि लड्डू की उपलब्धता भरपूर है, फिर प्रसाद विक्रय नहीं करा पाना ये मंदिर प्रशासन के मिस मैनेजमेंट की वजह है। काउंटर बढ़ाना होंगे, क्योंकि महाकाल का प्रसाद हर कोई चाहता है।
दीपक मित्तल, पूर्व सदस्य मंदिर प्रबंध समिति
परेशानी देख दो और काउंटर बढ़ाए- धाकड़
मंदिर परिसर के प्रसादी काउंटर भीड़ प्रबंधन को देखते हुए बंद किए हैं। इससे लोगों को यह लगता है कि प्रसाद खत्म हो गया है इसलिए काउंटर बंद है। वर्तमान में चार काउंटर संचालित हो रहे थे। भीड़ और मांग को देखते हुए चारधाम पर दो अतिरिक्त काउंटर शुरू करवाए हैं। प्रसादी की कोई कमी नहीं है, पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
गणेश धाकड़, प्रशासक मंदिर प्रबंध समिति
उज्जैन
लड्डू के लिए भी संघर्ष- प्रसादी की कमी नहीं, काउंटर कम होने से सभी श्रद्धालुओं को नहीं मिल पा रहा प्रसाद
- 22 Jul 2022