यह दुनिया आनी जानी है....जो आया उसे जाना ही है... मैं अक्सर कहता हूं कि... जब भी कोई प्राणी दुनिया में आया है... तो वापसी का टिकट कंफर्म भी साथ में लाया है... बस समय और दिन कुदरत के कंप्यूटर में सेव है... और उस कुदरती कंप्यूटर में वायरस नहीं आता है...तो जो आया है उसे जाना है... कंफर्म टिकट के साथ...बस हमें पता नहीं होता है... कब जाना है... कई हजार सालों से... जन्म जिसने लिया है....उसे मृत्यु आएगी... और उसे यह दुनिया छोड़कर जाना भी है... सिकंदर ने जाते समय कहा था... कि
"क्या मैं खाली हाथ जाऊंगा तो जीवन भर मैंने क्या किया"...
तब समझ में आया कि...प्राणी खाली हाथ आया... और खाली हाथ जाना है... जीवन भर हाय तोबा में लगा रहा... एक शायर ने कहा है...
"जीवन भर आदमी दोनों हाथों से समेटने में लगा है...
खाली हाथ जाने के लिए..." लेकिन यह भी है कि....एक मनुष्य जीवन में साथ क्या लेकर जाएगा... तब ऐसा चिंतन हो...तब लता जी जैसी शख्सियतों के बारे में सोचना चाहिए...!
क्या लेकर आई थी लता जी...और क्या साथ में लेकर गई है... वह दुनिया में बिरली है... कि वह जाते जाते... जो लेकर गई है वह कोई नहीं ले जा सकता ...करोड़ों में से कोई एक... नहीं नहीं अरबों में से कोई एक... जो लेकर जाता है... वह लता जी लेकर गई... करोड़ों लोगों का प्रेम...लेकर गई है वह... और वो जो दुनिया जो दुनिया को दे गई... वह भी अरबों में से कोई दे पाता है...जो दिया उसके बदले... कई गुना लिया लता जी ने... जो दिया वह सभी को मिलेगा दिखेगा... पर जो लेकर वह गई ....वह सिर्फ कुदरत को दिखेगा... l
कुदरत भी सोचती होगी कि...लताजी जैसी शख्सियत...हजारों सालों में कुदरत के हाथों क्यों बनती है... और बनती है तो... वह अमर अजर क्यों नहीं होती है... पर कुदरत का नियम है... खुद के नियम से बंधा है ...जिसने जन्म लिया है उसे जाना है... परंतु लता जी अमर अजय हुई... चिर स्थाई हुई... वह फिर यादों की सरताज हुई...गीत स्वर के सरताज हुई... कोकिला बनी... अब अनजानी राह पर... अमर हो चली... l मिटेगी नहीं निशानियां दुनिया से... लता जी की...चिर निंद्रा में लीन हुई...तब सारी दुनिया बेचैनी में जाग गई... हर और एक अजीब सा शोक छा गया... जिसने भी सुना... उसने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए... कुछ अजीब सा हर शख्स को लगा... जो लता जी को नहीं जानता था... परंतु उनकी आवाज को सुनता था... और उसे ही लगता था कि... लता जी हमारी हैं... सारे देश की...सारी दुनिया की है... शुरू प्रेमी आवाज उनकी धरोहर रहेगी... l
आज लता जी का चले जाना...कोई नई बात नहीं है...दुनिया में वह अकेली नहीं है... जो दुनिया छोड़ कर चली गई हों...परंतु कुछ तो है... कुछ तो है...जो एक कसक पैदा करता है...एक टीस पैदा करती है... और दिल के किसी कोने से... आवाज आती है... लता जी का यूं चले जाना... लता जी कहीं भी रहे... सारे जनमानस के दिलों में...हजारों नहीं...लाखों नहीं... करोड़ों नहीं... अरबों अरब वर्षों तक ...अमर रहेंगी... अजर रहेंगी...! मन की अनंत गहराइयों से लता जी को हमारी ओर से सादर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं...!
-एल. एन उग्र
विविध क्षेत्र
लता जी का यूं चले जाना...?
- 07 Feb 2022