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भोपाल

लाख प्रयास, लेकिन नहीं मान रहे परिजन

  • 26 Mar 2022

बाल विवाह में हो रहा इजाफा2 महीने में रोकीं 17 शादियां
भोपाल। प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। इन अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी का निवर्हन करते हुए लाख प्रयास किए और अनेक परिजनों को समझाइश दी कि वे बच्चों का बाल विवाह नहीं करें, लेकिन ये सारे उस समय विफल होते नजर आते हैं, जब चोरी छिपे भी बाल विवाह कराए जाते हैं। ऐसे में जानकारी मिलने पर कुछ के खिलाफ तो केस भी दर्ज कराए गए हैं।
अकेले भोपाल यानि प्रदेश की राजधानी में बाल विवाह में 65 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसका खुलासा महिला एवं बाल विकास और चाइल्ड लाइन द्वारा रुकवाए बाल विवाह के मामलों से होता है। यह वह विवाह है जिसकी सूचना नागरिकों ने पुलिस, महिला एवं बाल विकास और चाइल्ड लाइन को दी। कई ऐसे बाल विवाह हुए है जिसकी जानकारी नहीं लगी। अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार के द्वारा शादी की उम्र 21 साल करने की घोषणा के बाद बाल विवाह में इजाफा हुआ है। वर्ष 2022 में पिछले दो महीने में 17 बाल विवाह रोके गए हैं।
चाइल्ड लाइन की डायरेक्टर अर्चना सहाय का कहना है कि जब रोके गए बाल विवाह के कारणों का समीक्षा की तो निकलकर आया कि सबसे ज्यादा बाल विवाह उस वर्ग में किए जा रहे है जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वह अपनी बेटियों को बोझ समझते हैं। बच्चियों का विवाह करके वे अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते हैं। वहीं पैरेंट्स ने आर्थिक तंगी, असुरक्षा की भावना और लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने संबंधी कारण भी बताए हैं।
सुरक्षा का वादा किया तब रुका बाल विवाह
बैरागढ़ में 17 महीने 10 महीने की किशोरी का बाल विवाह चाइल्ड लाइन ने रुकवाया था। माता-पिता ने कहा कि एक युवक बेटी को परेशान करता है। पुलिस ने बच्ची की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली तब परिवार शादी ना करने को राजी हुआ। इसी प्रकार शाहजहांनाबाद में 17 साल 5 महीने की किशोरी की मां ने बताया कि पति ने उसे छोड़ दिया। आर्थिक तंगी है। बेटी को लड़का पसंद है। मां ने कहा उसे डर है कि लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल हो गई तो शादी में मुश्किल होगी।
यह कारण भी आए सामने
आर्थिक तंगी, सिंगल मदर,  असुरक्षित माहौल और सुविधाओं की कमी,  शादी की उम्र 21 साल होने के नियम का डर।
परिजन करते हैं हंगामा
महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा 16 व 17 साल की लड़कियों की शादी हो रही है। जब टीम जाकर बाल विवाह रुकवाती है तो पैरेंट्स हंगामा करते हैं। कई बार तो टीम के साथ मारपीट तक कर देते हैं। उन्हें बाल विवाह अधिनियम तक की जानकारी नहीं होती।
जागरूकता से रुके हैं बाल विवाह
पिछले सालों की तुलना में बाल विवाह बढ़े हैं। हालांकि जागरूक नागरिकों की वजह से बाल विवाह रोके गए हैं। इस साल दो माह में ही 17 बाल विवाह रुके गए हैं। जो कि अब तक का सबसे बड़ा रिकार्ड है। -योगेंद्र यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग