भोपाल। मध्यप्रदेश में लंपी वायरस का प्रकोप लगातार फैलता जा रहा है। अब तक 26 जिलों में करीब 12000 गाय इस त्वचा संक्रामक रोग की चपेट में आ चुके हैं। मप्र सरकार ने इन सबके वैक्सीनेशन के लिए 14 लाख नए वैक्सीन मांगे थे। ये एक-दो दिनों में मिल सकते हैं। इस बीच लंपी प्रभावित जिलों से लगे वन्य क्षेत्रों में भी इसके फैलने का खतरा है। राजस्थान में सरिस्का अभयारण्य में लंपी के फैलाव को रोकने के लिए विशेष निगरानी की जा रही है।
इसी तर्ज पर मप्र में भी 26 जिलों में आने वाले वन्य अभयारण्य में कर्मचारी निगरानी कर रहे हैं कि कोई संक्रमित गाय वन्य जानवरों के संपर्क में न आ जाए। बताया जा रहा है कि चीतल और नीलगाय जैसे शाकाहारी जानवरों की निगरानी सबसे अधिक जरूरी है। यह जानवर ज्यादा पालतू मवेशियों के संपर्क में आते हैं। अभी भी गुजरात और राजस्थान की सीमा से लगे जिले ही सबसे अधिक लंपी प्रभावित हैं। पशुपालन विभाग के एसीएस जेएन कंसोटिया ने बताया कि मवेशियों का वैक्सीनेशन जारी है।
इन उद्यानों पर खतरा ज्यादा
ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान ( खंडवा)
कूनो राष्ट्रीय उद्यान (श्योपुर)
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य (मंदसौर-नीमच)
बोरी वन्यजीव अभयारण्य- (होशंगाबाद )
राला मंडल (इंदौर)
कहां-कहां मिला लंपी वायरस
सैंपल जांच में रतलाम, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, इंदौर, खंडवा और बैतूल जिले में लंपी वायरस की पुष्टि हुई। भिंड, मुरैना, श्योपुर, अलीराजपुर, खरगोर, बड़वानी, हरदा, धार, बुरहानपुर, आगर मालवा और झाबुआ में मवेशियों में लंपी वायरस के लक्षण दिखे है।
भोपाल
लंपी वायरस का प्रकोप-प्रभावित 26 जिलों के वन्य क्षेत्रों में भी संक्रमण फैलने का खतरा
- 30 Sep 2022