कोलकाता. बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 17 किलोमीटर दूर हुगली जिले का उत्तरपाड़ा इलाका है. यहां के कोननगर में रविवार 18 फरवरी की शाम को अचानक एक मकान से चीखने-चिल्लाने की आवाजें आती हैं. पता चलता है कि चौथी क्लास में पढ़ने वाले महज 10 साल के एक छोटे से बच्चे का किसी ने कत्ल कर दिया है. कत्ल भी ऐसे-वैसे नहीं बल्कि ईंट और दूसरी भारी चीजों से उसके सिर पर वार कर, हाथ की नसें काट और चाकू मार कर. घटना के बाद घरवाले सदमे में आ गए.
हत्या की सूचना मिलते ही उत्तरपाड़ा की पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंची. पुलिस के साथ-साथ सीन ऑफ क्राइम के मुआयने और एविडेंस कलेक्शन के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की एक टीम भी आई. आनन-फानन में मामले की तफ्तीश शुरू की. लेकिन किसी को भी ये बात समझ में नहीं आती कि आखिर इतने छोटे से बच्चे की हत्या के पीछे कौन-सी वजह हो सकती है? कातिल ने श्रेयांशु की हत्या तब की थी, जब घर में कोई और नहीं था. श्रेयांशु के मम्मी-पापा दोनों वर्किंग हैं. इत्तेफाक से वारदात के वक्त दोनों घर से बाहर थे, जबकि घर के दूसरे सदस्य भी बस कुछ देर के लिए बाहर गए थे. इसी बीच कातिल ने घर पर धावा बोलकर श्रेयांशु की जान ले ली.
इस केस की जांच के लिए मौके पर पहुंची पुलिस शुरुआती तफ्तीश में ही कुछ बातों पर गौर करती है. पुलिस ये देखती है कि घर में कातिल की एंट्री फ्रेंडली है. यानी ना तो आस-पड़ोस में किसी ने किसी अजनबी को घर के अंदर जबरदस्ती घुसते हुए देखा है और ना ही दरवाजे पर किसी तोड़-फोड़ या फोर्सफुल एंट्री के निशान हैं. पुलिस को ये भी पता चलता है कि घर का पालतू कुत्ता भी वारदात के वक़्त खामोश था. श्रेयांशु के घर में एक कुत्ता भी था, जो किसी भी अजनबी को देखते ही भौंकने लगता था, लेकिन हैरानी की बात ये थी कि उसी घर में श्रेयांशु का कत्ल हो गया और कुत्ते को एक बार भी किसी ने भौंकते हुए नहीं सुना. सामान भी अपनी जगह जस का तस रखा था.
साभार आज तक