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इंदौर

वर्ग विशेष की महिलाओं एप पर बदनाम करने का मामला ... आधुनिक तकनीक का उपयोग कर पकड़ाया ठाकुर

  • 11 Jan 2022

वर्चुअल आईडी डिलीट प्रोफाइल से दिल्ली पुलिस पहुंची इंदौर
इंदौर। सुल्ली बाई ऐप डेवलपर ओंकारेश्वर ठाकुर को पकडऩा आसान नहीं था। अमेरिका के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म गिटहब ने उसकी डिटेल देने से साफ मना कर दिया था। ऐसे में दिल्ली पुलिस को कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था, तभी कुछ ऐसा हुआ, जिससे ठाकुर पकड़ा गया।
दरअसल बुली ऐप ने सुल्ली डील्स केस में नई लीड दी। स्पेशल सेल केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि ओंकारेश्वर ठाकुर ने खुद को छिपाने के काफी उपाय किए थे। उसने कई वर्चुअल पहचान बना रखी थी, जिससे ऑनलाइन उसे ढूंढा न जा सके। नीरज से सुराग मिलने के बाद डीप डेटा एनालिसिस से ठाकुर की पहचान हो गई। ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया से सारी जानकारी हटा दी और महीनों तक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से गायब रहा। सोशल मीडिया इंजीनियरों ने आर्काइव की रिवर्स ट्रैकिंग शुरू की। एक डिलीट प्रोफाइल का पता चला। इससे पुलिस एक एड्रेस तक पहुंची। लोकेशन इंदौर का मिला। डीसीपी का कहना है कि आरोपी के टेक गैजेट्स की जांच की गई। पूछताछ के दौरान उसने सुल्ली डील्स ऐप बनाने की बात कबूल की। उसके लैपटॉप और साइबरस्पेस पर डिजिटल जानकारियों को इक_ा किया जा रहा है। सुल्ली डील्स ऐप से जुड़ी तस्वीरों को भी रिकवर करने की कोशिश की जा रही है।
ओंकारेश्वर ठाकुर इंदौर में न्यूयॉर्क सिटी टाउनशिप में रहता है। इंदौर से ही बीसीए  किया है। पिता अखिलेश ठाकुर एक प्राइवेट कंपनी में सेल्स मैनेजर हैं। परिवार 17 जनवरी को उसके बर्थडे की तैयारी कर रहा था। उसका भाई एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंसल्टेंसी फर्म में काम करता है। ओंकारेश्वर ने ही सुल्ली बाई ऐप डिजाइन किया है। वह ट्विटर पर ट्रेड महासभा ग्रुप का भी सदस्य है। इस ग्रुप में वर्ग विशेष की महिलाओं को बदनाम कर ट्रोल किया जाता है। सुल्ली डील्स को पिछले साल जुलाई में गिटहब पर रिलीज किया गया था। सैकड़ों महिलाओं की तस्वीरों को इस मोबाइल ऐप्लीकेशन पर नीलामी के लिए डाला गया। दिसंबर में जारी किया गया बुली बाई ऐप भी इसी तरह का सॉफ्टवेयर था। इसका डेवलपर नीरज विश्नोई है। भोपाल में बीटेक  का स्टूडेंट था।
1 जनवरी को दिल्ली पुलिस में एक महिला पत्रकार ने उनकी तस्वीर में छेड़छाड़ कर वेबसाइट पर अपलोड करने की एफआईआर कराई। दिल्ली पुलिस ने असम से नीरज विश्नोई को गिरफ्तार किया। पता चला वह बुली बाई ऐप का डेवलपर है। वह ओंकारेश्वर ठाकुर के भी टच में था।