बेटी के जन्म पर ढोल बजवाए, गली-मोहल्लों को गुब्बारों से सजाया
विदिशा। विदिशा में कर्ण परिवार में बेटी ने जन्म लिया तो परिवार की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। परिजनों ने बच्ची का नाम 'अयोध्याÓ रखा। जिला अस्पताल से घर तक वे बच्ची को ढोल-बाजे के साथ लेकर आए। अपने घर समेत पूरे गली-मोहल्ले नीले-सफेद गुब्बारों से सजा दिया। अयोध्या के स्वागत के लिए गली में बैनर लगाए। परिजनों सहित पड़ोसी भी ढोल की थाप पर जमकर थिरके।
पढ़ाई के साथ किताबों का खर्च भी उठाएंगे
विदिशा के रहने वाले मयंक कर्ण के यहां पहली संतान हुई है। इसी खुशी में उन्होंने अपनी बेटी का नाम अयोध्या रखा। मयंक शहर के बरईपुरा में स्कूल के संचालक हैं। उनका कहना है कि बेटी के जन्म की खुशी में वे सपरिवार रक्तदान करेंगे। इसी खुशी में उन्होंने जरूरतमंद कन्याओं को नि:शुल्क पढ़ाने के साथ-साथ उनकी किताबों का खर्च उठाने का भी निर्णय किया है।
सरकार भी प्रयास कर रही है
अयोध्या की परदादी रामकली देवी पड़पोती के घर आगमन की खुशी में ढोल पर खूब नाचीं। उन्होंने कहा कि वो पुराना समय था, जब लड़कियों को घर के अंदर रखते थे, उन्हें बोझ समझते थे और उनके ऊपर तमाम बंदिशें हुआ करती थीं। अब कन्याओं के सशक्तिकरण का जमाना है। सरकार भी लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है। लड़कियों को पढ़ा-लिखा कर आगे बढ़ाना चाहिए। उनके जन्म पर लड़कों से ज्यादा खुशी मनानी चाहिए।
भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या इसलिए नाम रखा
मयंक की भगवान श्रीराम में गहरी आस्था है, इसलिए जब घर में प्रथम संतान के रूप में कन्या ने जन्म लिया तो उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। उनके आराध्य श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या है, इसलिए उन्होंने हिन्दू संस्कृति को बढ़ावा देते हुए अपनी बेटी का नाम अयोध्या रखा।
विदिशा
विदिशा में जन्मी 'अयोध्या'
- 31 Jan 2022