देश के बाहर आइएमइआइ ट्रेस करना संभव नहीं
इंदौर। आज में हर कोई किसी न किसी रूप में मोबाइल का उपयोग कर रहा है और हर किसी का शौक होता है कि वह सभी सुविधाओं वाला महंगे-महंगा मोबाइल उपयोग करें। जिस तेजी से मोबाइल का उपयोग हो रहा है उसी तेजी से मोबाइल चोरी व लूट की वारदातें भी बढ़ी हैं और चोर, लुटेरे पुलिस के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। हालांकि पुलिस ने चोरी के मोबाइल की शिकायत अब सिटीजन कॉप पर लेना शुरू कर दी है और अब तक हजारों पीड़ितों को उनके चोरी हुए मोबाइल इस एप के जरिए मिल भी चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी शहर में प्रतिदिन मोबाइल चोरी और लूट के मामले सामने आ रहे हैं।
हाल ही में पुलिस ने चोरी के मोबाइल खरीदी, बिक्री के मामले में एक आरोपी को गिरफ्त में लेकर उससे सख्ती से पूछताछ की तो चौंकाने वाले खुलासा हुआ। आरोपी ने जो जानकारी दी उसे सुनकर पुलिस भी हैरत में पड़ गई। दरअसल आरोपी ने खुलासा किया कि चोरी व लूट के मोबाइल विदेशों में सप्लाई होते हैं। वह खुद ही इंदौर से अब तक हजारों मोबाइल विदेश में बेच चुका है। एक बार देश से बाहर हो जाने के बाद उस मोबाइल का पता लगाना आसान नहीं होता, क्योंकि विदेश में आईएमइआई नंबर ट्रेस करना संभव नहीं है। इसके साथ ही आरोपी ने यह भी खुलासा किया कि शहर के अनेक व्यापारी देशभर के मोबाइल चोर और लुटेरों के संपर्क में हैं। इनसे सस्ते दामों में मोबाइल खरीदकर वह विदेश में सप्लाई कर देते हैं।
पार्सल बनाकर पहुंचाते हैं
विजय नगर पुलिस ने गत दिनों चोरी के मोबाइल खरीदने, बेचने के मामले में जितेंद्र उर्फ जानी उर्फ जैक वासवानी को गिरफ्त में लिया। उससे पूछताछ में पता चला कि उसकी जेल रोड़ पर दुकान थी। उस वक्त स्थानीय बदमाशों से चोरी के फोन खरीदता था। धीरे-धीरे नागपुर, मुंबई, ठाणे, पुणे के अपराधियों के संपर्क में आ गया। लूट और चोरी के फोन खरीदने लगा। दुबई-नेपाल और बैंकाक जाने वालों को पार्सल बनाकर देने लगा।
नेपाल बड़ा मार्केट
विजय नगर टीआइ रवींद्र गुर्जर के मुताबिक आरोपी से पूछताछ में खुलासा हुआ कि नेपाल बड़ा मार्केट है। यहां चोरी के फोन आसानी से बिक जाते है। वह पार्सल बनाकर लक्जरी बसों में रखवा देता था। लखनऊ और गोरखपुर होते हुए नेपाल भिजवा देता था। टीआइ के मुताबिक नेपाल में ज्यादा मांग थी। वह आर्डर लेकर फोन भिजवाता था। गिरफ्तारी के कुछ दिनों पूर्व ही 300 फोन नेपाल भेजे थे। एक साल में करीब पांच हजार फोन बेच चुका है। पुलिस को नेपाल के खरीददारों की जानकारी मिली है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल और आइबी से सूचना साझा की जाएगी।
मिलती है अच्छी कीमत
टीआइ गुर्जर के मुताबिक, पुलिस आइएमइआइ के जरिए फोन को ट्रेस कर लेती है।लेकिन विदेश (इंटेरनेशनल) में आइएमइआइ ट्रेस करना संभव नहीं होता, इसलिए जैक ने नया नेटवर्क तैयार किया था। उसने यह भी बताया कि चोरी के फोन की अच्छी कीमत मिल जाती थी। दुकानदार उसके पार्ट्स निकाल लेते हैं और बाद में अलग-अलग मोबाइल में इनका उपयोग किया जाता है।
पहले भी सामने आ चुके हैं मामले
पहले भी चोरी के मोबाइल-खरीदने बेचने के मामले सामने आ चुके हैं। जेल रोड के कुछ इलाकों को चोरी के मोबाइल खरीदने-बेचने का गढ़ माना जाता है। पूर्व में पुलिस इस तरह का अवैध व्यापार करने वाले कुछ व्यापारियों पर कार्रवाई भी कर चुकी है।
बदल देते हैं आइएमइआइ नंबर
चोरी, लूट के मोबाइल का आइएमइआइ नंबर कुछ शातिर अपराधी किस्म के व्यापारी या मैकेनिक बदल देते हैं और उसकी नई बॉडी कवर लगाकर बाजार मूल्य से कम किमत बेच देते हैं। पूर्व में इस तरह के काम करने वालों पर कार्रवाई के बाद अब नया तरीका निकालते हुए या तो मोबाइल के पार्ट्स निकाल लिए जाते हैं या फिर इन्हें देश के बाहर बेचा जाता है। जैक से पूछताछ के बाद पुलिस अब पूरे नेटवर्क की लिंक तलाश रही है, जिससे बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है।
सिटीजन कॉप पर दर्ज होती शिकायत
मोबाइल की बढ़ती चोरी, लूट और गुम होने के मामले लगातार सामने आने के बाद पुलिस सिटीजन कॉप एप पर इनकी शिकायतें दर्ज करने लगी है। इस एप में शिकायत दर्ज करने करने के बाद पुलिस मोबाइल के आइएमइआइ नंबर के जरिए मोबाइल ट्रेस करती है। अब तक हजारों लोगों को इस एप पर शिकायत करने के बाद गुम व चोरी हुए मोबाइल पुलिस लौटा भी चुकी है।
कमिश्नर की सख्ती के बाद दर्ज हो रहे केस
अक्सर देखा गया है कि पुलिस लूट के मामलों में प्रकरण दर्ज करने से पुलिस बचती है और चोरी के मामले दर्ज करती है। ऐसा अधिकांश मोबाइल लूट के मामलों में होता है, लेकिन नवागत पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने सख्ती करते हुए लूट के मामले दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद थानों पर अब फरियादियों की शिकायत पर घटना को देखते हुए लूट के प्रकरण दर्ज होने लगे हैं।
लगातार कार्रवाई फिर भी वारदातें
मोबाइल, चेन-मंगलसूत्र और पर्स लूटने, छिनने वाले बदमाशों को ट्रेस कर पुलिस उन पर लगातार कार्रवाई करते हुए जेल की सलाखों के पीछे भेज रही है, बावजूद इसके शहर में लूट की वारदातें लगातार बढ़ती जा रही है। बीते एक सप्ताह में ही आरोपियों आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर वारदातों को अंजाम दिया।
इंदौर
विदेश में सप्लाई हो रहे चोरी, लूट के मोबाइल
- 15 May 2023