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इंदौर

विधायक आकाश विजयवर्गीय समर्थकों द्वारा पूरे शहर में जन्मदिन के पोस्टर लगाए, निगम द्वारा कोई कार्रवाई नही? आखिर क्यूँ...

  • 13 Sep 2021

जन्मदिन पर कोरोना प्रोटोकॉल की भी जमकर उड़ी धज्जियां...
इन्दौर। प्रशासन ने कोरोना प्रोटोकॉल का हवाला देकर गणेशोत्सव में सिर्फ दस लोगों की अनुमति दी है, लेकिन वही दूसरी ओर भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के जन्मदिन पर हजारों की संख्या में समर्थक जुटे, परन्तु  पुलिस और जिला प्रशासन का कही अता पता नहीं।
बल्ला कांड से चर्चा में रहे इंदौर की तीन नंबर विधानसभा सीट के  विधायक आकाश विजयवर्गीय के जन्मदिन पर कोरोना प्रोटोकॉल जमकर धज्जियां उड़ीं। यहां पर न तो विधायक समर्थक मास्क लगाए हुए थे और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया था। इतनी भीड़ के जमा होने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल नदारद रहे। खास बात तो यह है कि कोरोना प्रोटोकाल के तहत किसी भी आयोजन, त्योहारों  पर फिलहाल धारा 144,188 लगी हुई है। साथ ही किसी भी आयोजन में भीड- भाड़ ना हो इसके लिये एक साथ जमा नहीं होने के दिशा-निर्देश  शासन द्वारा दिये गये हैं,जिसके लिये आयोजनों के अनुसार लोगों की संख्या भी निर्धारित की गईं है।इसके बाबजूद भी विधायक के जन्मदिन पर इतनी भीड़ के जमा होने पर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।    
तीन नंबर विधानसभा के चर्चित विधायक आकाश विजयवर्गीय के जन्मदिन पर उनके समर्थकों ने कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पूरी तरह से  उल्लंघन किया। यहां घर के बाहर मंच लगाकर ना सिर्फ बधाईयां दी गई, बल्कि हजारों की संख्या में यहां समर्थकों द्वारा ,प्रोटोकाल का उल्लंघन कर इकट्ठे होकर ढोल-नगाड़ों के साथ विधायक को बधाई दी। इस दौरान पूरी गली में हजारों की संख्या में भीड़ लगी हुई थी। जिसमें समर्थक न तो मास्क लगाए हुए थे और न ही डिस्टेसिंग का का पालन कर रहे थे। विधायक आकाश जो भाजपा के बाहुबली नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं, पूर्व में  निगम अधिकारी के साथ किए बल्ला कांड के बाद चर्चा में आये थे।
पूरे शहर में विधायक के समर्थकों द्वारा जन्मदिन के पोस्टर लगे हुये है जबकी नियमानुसार शहर में कही भी किसी भी प्रकार के पोस्टर लगाने की अनुमती नहीँ है।नगर निगम द्वारा पोस्टर्स को ना हटाना कोई कार्यवाही ना होना क्या इसे भाजपा विधायक का डर  समझा जाये।ज्ञात हो कि नगर निगम की एक कार्यवाही  के दौरान भाजपा  विधायक आकाश ने एक अधिकारी की बल्ले से पिटाई कर दी थी, इसके बाद जमकर हंगामा हुआ  था। जिसके लिये कांग्रेस शासन काल में उनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का केस भी दर्ज हुआ था।और उन्हे जेल भी जाना पड़ा था।  सवाल यह उठता है कि क्या आम जनता के लिये ही सारे नियम कानून हैं,नेताओ के लिए कोई नियम कानून नही है। इस मामले ने जिला प्रशासन ओर पुलिस प्रशासन पर कई सवालिया निशान खड़े कर दिये है।