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व्यक्तित्व विशेष

विश्वनाथ सत्यनारायण

  • 18 Oct 2022

(जन्म: 10 सितम्बर, 1895 – मृत्यु: 18 अक्तूबर, 1976) 
एक तेलुगू भाषा के साहित्यकार थे। इन्हें 1971 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। विश्वनाथ सत्यनारायण को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1971 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये आंध्र प्रदेश राज्य से हैं। विश्वनाथ सत्यनारायण का जन्म 10 सितम्बर, 1895 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले के नंदमूरु गाँव में हुआ था। तेलुगू के महाकवि विश्वनाथ सत्यनारायण अपने विराट उपन्यास ‘वेयिपगळु’ (‘सहसफग’, हिन्दी अनुवादक: श्री पी. वी. नरसिंहराव), महाकाव्य ‘श्री रामायण-कल्पवृक्षम’, (हिन्दी अंशानुवादिका: डॉ. सरोजिनी 'महिषी') जिसे भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार 1971 में मिला, तथा ‘मध्यक्करलु’ नामक कविता संग्रह (साहित्य अकादमी पुरस्कार-प्राप्त) के लिए विख्यात है। वे तेलुगु के आधुनिक युग में एक उत्कृष्ट कवि थे। संस्कृत के पंडित तो थे ही, तुलसीदास के ‘रामचरितमानस’ से भी वे बहुत प्रभावित थे। वे ‘ग्रांथिक’ शैली को मानने वाले थे, जबकि व्यावहारिक शैली के पर्वतक अन्य पत्रकार थे। दोनों विचारधाराओं में कई विवाद चले। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और उन्होंने कई विधाओं में सफलता से लिखा है। विश्वनाथ सत्यनारायण का निधन 18 अक्तूबर, 1976 को आंध्र प्रदेश के गुंटूर में हुआ था।