इंदौर। स्नातक-स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश को लेकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की सीयूईटी काउंसिलिंग का पहला चरण खत्म हो चुका है। कई पाठ्यक्रम में सीटें रिक्त है। अब इन्हें भरने के लिए विश्वविद्यालय ने दूसरा चरण रखने का फैसला किया है, जिसमें पंजीयन के लिए छात्र-छात्राओं को आवेदन करने का मौका मिलेगा।
अधिकारियों के मुताबिक, सितंबर पहले सप्ताह में काउंसिलिंग होगी। उसमें दोनों चरण में पंजीयन करवा चुके विद्यार्थी प्रवेश प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेंगे। खास बात यह है कि अधिकांश विभागाध्यक्ष सीएलसी करवाने पर जोर दे रहे हैं।
14 विभागों से संचालित 41 इंटीग्रेटेड-स्नातक-स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की 2500 सीटों के लिए आठ दिनों काउंसिलिंग चली, जो 17 से 24 अगस्त के बीच दस हजार रैंक पाने वाले विद्यार्थियों को बुलाया। कई विद्यार्थियों को पंसदीदा पाठ्यक्रम की सीट नहीं मिली तो उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं लिया। करीब डेढ़ से दो हजार ऐसे विद्यार्थी रहे है, जिन्होंने काउंसिलिंग बीच में छोड़ दी है।
यूजी में बीए इकानोमिक्स, बीएएलएलबी, एमबीए एचए कोर्स की डिमांड रही तो पीजी में एमबीए मार्केटिंग-फाइनेंस, मीडिया मैनेजमेंट पाठ्यक्रम की सीटें फुल हो गई। आठ दिन प्रवेश प्रक्रिया चलने के बावजूद तीन सौ से ज्यादा सीटें खाली है। इन्हें भरने के लिए 7 सितंबर से काउंसिलिंग का दूसरा चरण रखा जाएगा। मगर उसे पहले विद्यार्थियों को पंजीयन का मौका भी देंगे।
इसके लिए अगले एक या दो दिन में लिंक खुलेगी। अधिकारियों के मुताबिक, तीन से चार दिन में आवेदन करना होगा। इसके बाद मेरिट बनाई जाएगी। सूची जारी करने के बाद विद्यार्थी काउंसिलिंग में हिस्सा ले सकेंगे। मीडिया प्रभारी डा. चंदन गुप्ता का कहना है कि विद्यार्थियों के लिए दूसरी काउंसिलिंग 7 सितंबर से रखेंगे। प्रवेश समिति को तारीख तय करना है। उसके बाद काउंसिलिंग का शेड्यूल वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
इंदौर
विश्वविद्यालय की 40 पाठ्यक्रम की 300 सीटें खाली, फिर करवाना होंगे पंजीयन
- 26 Aug 2023