सोयाबीन की फसलें काटकर ऊंचाई पर रखें, दो दिनों में फिर बारिश की संभावना
इंदौर। इस बार सितंबर में हुई भरपूर बारिश के बाद भी मौसम का मिजाज बदला नहीं है। उड़ीसा व बंगाल की खाड़ी में पिछले दिनों गुलाब चक्रवात का असर इंदौर, मालवा-निमाड़ सहित मप्र के पश्चिम क्षेत्र में है। सबसे ज्यादा परेशानी उन किसानों की है जिनकी सोयाबीन की फसलें पक गई हैं, लेकिन मौसम की गड़बड़ी के चलते वे पूरी फसलें नहीं काट पा रहे हैं। दरअसल एक माह से अधिक हो गया। रोज दोपहर बाद मौसम बदलता है और कहीं रिमझिम तो कहीं सामान्य बारिश होती है। ऐसे में किसानों को दोहरी परेशानी है। पहले तो बारिश रुक नहीं रही है और दूसरा खेतों में पानी भरने से अब फसल कैसे काटे? मामले में इंडियन सोयाबीन रिसर्च इंस्टिट्यूट (इंदौर) के अधिकारियों ने हाल में कुछ क्षेत्रों का दौरा किया और उन्हें फसलों को काटने के उपाय बताए। मुख्य रूप से टिप्स दी गई हैं कि वे फसलें काटकर खेतों की पाल या ऊंचाइयों पर रखें और जब भी मौसम सूखा रहे तो उस पूरे समय का उपयोग कर फसल काटने में लगाएं। इनके सहित कई उपाय बताए गए हैं ताकि किसानों को नुकसान न हो।
इस माह 1 व 2 अक्टूबर को भी कुछ क्षेत्रों में बारिश हुई जिसके चलते किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं। कई किसानों की सोयाबीन की फलियों में अंकुरण होना शुरू हो गया है, वहीं कई क्षेत्रों के खेतों में घुटनों तक पानी भरा है। अगर मौसम ऐसा ही रहा तो किसानों को भारी नुकसान होगा। अभी मालवा-निमाड़ सहित आसपास के क्षेत्रों में सोयाबीन की दूसरी बोवनी की फसलें पककर तैयार हैं, लेकिन अधिकांश स्थानों पर पानी भरा होने से किसानों की परेशानी बनी हुई है। हाल ही में इंडियन सोयाबीन रिसर्च इंस्टिट्यूट इंदौर के अधिकारियों ने आष्टा व सीहोर के अलावा इनके आसपास के गांव इछावर, मैना, कोटरी, वफापुर, बागेर, भंवरा, खड़ी, जावर, मेतवाड़ा क्षेत्र में वहां के किसानों के साथ खेतों का दौरा किया था तो स्थिति ठीक थी लेकिन अब हालात बदल गए हैं। ऐसे में केंद्र के अधिकारियों ने किसानों को वर्तमान स्थिति के अनुसार कुछ उपाय बताए हैं। इसके साथ ही केंद्र के एप के माध्यम से भी किसानों को फसल बचाने के तरीके बताए गए हैं। किसान मनोहर पटेल, अनिल सरोसिया, रोहित वर्मा, अनिल वर्मा (वफापुर) के मुताबिक अभी कुछ उपायों पर काम करना शुरू किया गया है।
इंदौर
विशेषज्ञ दे रहे सोयाबीन फसल बचाने दी सलाह
- 05 Oct 2021