पेइचिंग। चीन ने दावा किया है कि कोविड-19 के स्रोत को पता लगाने के लिए किए गए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि कोरोना वायरस पिछले साल वुहान शहर में फैलने से पहले इटली में फैल चुका था। इससे यह आरोप बेबुनियाद साबित हुआ है कि कोरोना वायरस वुहान से फैला था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिलिआन ने कहा कि इस अध्ययन में यह भी पता चला है कि वायरस के स्रोत का सवाल एक 'जटिल प्रश्न' और यह संभवत: कई देशों में विकसित हुआ।
उधर, चीनी प्रवक्ता के इस दावे को कोरोना अध्ययन से जुड़े वैज्ञानिकों ने ही खारिज कर दिया है। अध्ययन में शामिल वैज्ञानिक गिओवन्नी अपोलोने ने कहा कि उनके शोध में चीन से कोरोना वायरस फैलने की संभावना को खारिज नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि चीन ने कोरोना वायरस फैलने की घोषणा करने में देरी की, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि वहां पर कब कोरोना वायरस संक्रमण फैलना शुरू हुआ।'
'कोरोना वायरस चुपचाप तरीके से चीन में फैल रहा था'
वैज्ञानिक ने कहा कि कोरोना वायरस चुपचाप तरीके से चीन में फैल रहा था और वह भी पहले के अनुमान के कहीं ज्यादा समय से पहले से इसका प्रसार हो रहा था। इसके बाद यह उत्तरी इटली में आया। उन्होंने कहा कि चीन का उत्तरी इटली के साथ बहुत घनिष्ठ व्यवसायिक संबंध है। ऐसा पहली बार नहीं है जब चीनी प्रवक्ता ने दूसरे देशों को कोरोना वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया है।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से अब तक आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक साढे़ पांच करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं और 13 लाख लोग मारे गए हैं। इस बीच एक अध्ययन के अनुसार कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक संक्रमणों की वास्तविक संख्या अब तक ज्ञात मामलों की तुलना में छह गुना तक अधिक हो सकती है। ऑस्ट्रेलियाई नेशनल यूनिवर्सिटी (एएनयू) और यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के शोधकर्ताओं के अनुसार मार्च और अगस्त के दौरान 15 देशों में संक्रमण की दर दर्ज मामलों की तुलना में औसतन 6.2 गुना अधिक थी।
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