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इंदौर

शत प्रतिशत टीकाकरण में धीमी गति बन रही रोड़ा

  • 04 Mar 2022

इंदौर।  जोरशोर से शुरू हुआ कोरोना टीकाकरण महाअभियान अब धीरे-धीरे कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। किसी समय 50 हजार से ज्यादा टीके रोजाना लगाए जा रहे थे लेकिन फिलहाल हालत यह है कि दस हजार टीके भी रोज नहीं लग पा रहे। टीकाकरण अभियान से जुड़े लोगों की मानें तो ज्यादातर लोगों को कोरोना के दोनों टीके लग चुके हैं, यही वजह है कि टीकाकरण केंद्रों पर अब भीड़ नजर नहीं आ रही लेकिन उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि सतर्कता डोज को लेकर लोग लापरवाह क्यों हैं।
गुरुवार को जिले में बमुश्किल 3200 टीके लगाए जा सके। इसमें भी बड़ा आंकड़ा 15 से 17 आयु वर्ग के किशोरों का है। यानी जिले में 18 से अधिक आयु वर्ग के लोगों की रूचि टीकाकरण को लेकर नहीं है जबकि आंकड़े बताते हैं कि अब भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें अब तक कोरोना के दोनों टीके नहीं लग सके हैं। कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिन्होंने अब तक एक भी टीका नहीं लगवाया।
सतर्कता डोज को लेकर ज्यादा लापरवाही
जिन लोगों को कोरोना का दूसरा टीका लगवाए नौ महीने हो चुके हैं उन्हें सतर्कता डोज लगाई जा रही है। आश्चर्य की बात है कि लोगों में सतर्कता डोज को लेकर जागरूकता ही नहीं है। स्वास्थ्य विभाग लोगों को मैसेज कर बता भी रहा है कि उनकी सतर्कता डोज लगवाने का समय आ गया है, बावजूद इसके लोग टीकाकरण केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे। इधर किशोरों का टीकाकरण भी बहुत धीमा है। जिले में अब भी कम से कम 30 हजार किशोर हैं जिन्हें अब तक पहला टीका ही नहीं लगा।
स्कूलों को टीकाकरण केंद्र बनाने से मिली थी राहत
15 से 17 आयु वर्ग के किशोरों को कोरोना का पहला टीका लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्कूली शिक्षा विभाग के साथ मिलकर स्कूलों में टीकाकरण केंद्र बनाए थे। इसका अच्छा प्रतिसाद मिला था। किशोरों का टीकाकरण तीन जनवरी 2022 से शुरू हुआ था। पहले ही तीन दिन में इस आयुवर्ग के एक लाख से ज्यादा किशोरों को कोरोना का पहला टीका लगाया गया था, लेकिन इसके बाद से टीकाकरण की गति धीमी पडऩा शुरू हो गई। फिलहाल हालत यह है कि पिछले 10 दिन में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब किसी एक दिन में पांच हजार से ज्यादा किशोरों को कोरोना का टीका लगाया गया हो।