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इंदौर

शहर के मास्टर प्लान को चुनौती देने वाली याचिका खुद याचिकाकर्ता ने ही वापस ले ली

  • 09 Sep 2021

इंदौर। मास्टर प्लान को चुनौती देने वाली जनहित याचिका का बुधवार को निराकरण हो गया। याचिकाकर्ता ने खुद ही इसे वापस ले लिया। याचिका 2016 में दायर हुई थी। याचिका में मास्टर प्लान को चुनौती देते हुए इसके क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग की गई थी। हालांकि कोर्ट 2016 में ही क्रियान्वय पर रोक लगाने से इंकार कर चुकी थी। बुधवार को याचिका में अंतिम बहस होना थी। इसके पहले ही याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता तपन भट्टाचार्य की ओर से सीनियर एडवोकेट आनंदमोहन माथुर और एडवोकेट अभिनव धनोतकर ने दायर की थी। इसमें कहा था कि मास्टर प्लान के नाम पर शहर में जहां-तहां तोडफ़ोड़ की जा रही है। जिला योजना समिति को मास्टर प्लान तैयार करने का अधिकार है लेकिन समिति ने ऐसा कोई प्लान तैयार किया ही नहीं। ऐसी स्थिति में सवाल यह है कि जिस मास्टर प्लान का क्रियान्वयन किया जा रहा है वह किसने तैयार किया।
करोड़ों के नुकसान का हवाला
त्यौहारों के मौके पर शहर में तोडफ़ोड़ की जाती है। दीपावली से ठीक पहले कनाडिया क्षेत्र में तोडफ़ोड़ की गई, होली के ठीक पहले बियाबानी में तोडफ़ोड़ हुई। वर्तमान में भी शहर में कई हिस्सों में तोडफ़ोड़ चल रही है। याचिकाकर्ता ने मास्टर प्लान के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग की थी। शासन की तरफ से याचिका में दिए जवाब में कहा गया था कि मास्टर प्लान के नाम पर शहर में करोड़ों के विकास काम चल रहे हैं। कई काम तो पूरे भी हो चुके हैं। अब रोक लगाई गई तो करोड़ों का नुकसान होगा। बुधवार को अंतिम बहस के पहले याचिकाकर्ता ने स्वत: ही याचिका वापस ले ली।