कनाडा और फ्रांस के शोधकर्ताओं की एक टीम के लिए, क्षितिज के काले बादल इसलिए अशुभ नहीं हैं क्योंकि वे आने वाले तूफान का संकेत देते हैं, बल्कि इसलिए अशुभ हैं क्योंकि हाल ही में एक शोध में यह दावा किया गया है कि ये बादल दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया (Drug-resistant bacteria) को दूर-दूर तक ले जा सकते हैं. ये ऐसे बैक्टीरिया हैं जिनपर दवाओं का कोई असर नहीं होता.
शोध के मुख्य लेखक फ्लोरेंट रॉसी (Florent Rossi) का कहना है कि ये बैक्टीरिया आमतौर पर पत्तियों या मिट्टी की सतह पर रहते हैं. उन्होंने बताया कि हवा से ये वायुमंडल में जाते हैं और बादलों में रहकर पूरी दुनिया में कहीं भी जा सकते हैं. साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने बादलों के नमूनों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया से एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी जीन की खोज की है.
सितंबर 2019 और अक्टूबर 2021 के बीच, मध्य फ्रांस में एक सोए हुए ज्वालामुखी, पुए डे डोम समिट (Puy de Dome summit) के ऊपर समुद्र तल से 4,806 फीट ऊपर स्थित एक एट्मॉस्फियरिक रिसर्च स्टेशन से नमूने लिए गए थे. इन नमूनों की जांच से पता चला कि क्लाउड वाटर के हर मिली लीटर में 330 से 30,000 से ज़्यादा बैक्टीरिया मिले थे, यानी औसतन हर मिलीलीटर में करीब 8,000 बैक्टीरिया. उन्हें बैक्टीरिया में एंटीबायोटिक प्रतिरोधी जीन के 29 सबटाइप्स भी मिले.
दवा प्रतिरोध तब होता है जब बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं के संपर्क में आते हैं और पीढ़ी दर पीढ़ी उनके प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित करते हैं.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने हमेशा चेतावनी दी है कि ये अडैप्टेशन्स दुनिया भर में चिंता का विषय हैं, जिससे कुछ जीवाणु संक्रमणों का इलाज करना कठिन हो रहा है, तो कुछ मामलों में असंभव भी, क्योंकि एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल इलाज और कृषि में बढ़ रहा है.
शोध में एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया के वातावरण में प्रसार से होने वाले संभावित स्वास्थ्य प्रभावों पर कोई जानकारी नहीं दी गई है. बल्कि यह अनुमान लगाया गया है कि सिर्फ 5 प्रतिशत से 50 प्रतिशत जीव ही जीवित और संभावित रूप से सक्रिय रह सकते हैं. लेकिन रॉसी का कहना है कि खतरा कम हो सकता है.
उन्होंने समझाया कि बैक्टीरिया के लिए वातावरण बहुत तनावपूर्ण है, और हमें जो बैक्टीरिया मिले हैं उनमें से ज़्यादातर पर्यावरणीय बैक्टीरिया थे, जिनके मनुष्यों के लिए हानिकारक होने की संभावना कम है, इसलिए लोगों को बारिश में भीगने से डरना नहीं चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि वे जीन, अन्य बैक्टीरिया में ट्रांस्मिट होंगे या नहीं. लेकिन एटेमॉस्फियरिक मॉनिटरिंग से ड्रग प्रतिरोधी बैक्टीरिया के स्रोतों का पता चल सकता है, ताकि उनके प्रसार को सीमित किया जा सके.
साभार आज तक
विविध क्षेत्र
शोध में दावा.......... बादलों से गिरेंगे बैक्टीरिया जिनपर बेअसर होंगी दवाएं...?
- 03 May 2023