भिंड। भगवान राधा-कृष्ण के मंदिर पूरे देश में जगह-जगह है, लेकिन भिंड में एक ऐसा मंदिर है जहां पर दोनों के साथ रुक्मिणी भी विराजमान हैं। एक साथ तीनों के विराजमान होने के मंदिर देश में बहुत कम हैं। इस मंदिर के बारे में बहुत कम ही लोगों को जानकारी है। जन्माष्टमी पर जानिए इस मंदिर की पूरी कहानी...
भिंड शहर के बीचोंबीच पुरानी बस्ती में भदावर शासकों का एक किला है। इस किले का निर्माण करीब 17वीं सदी में भदावर राजा ने कराया गया था। इस किले के निर्माण के साथ ही यहां अतिदुर्लभ भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर बनवाया गया था। इस मंदिर के बारे में किवदंती है कि भदावर राजा माह सिंह की पत्नी भगवान श्रीकृष्ण की अनंत भक्त थी। वे, अपने आराध्य को अपने राजशाही किले में विराजमान करना चाहती थी। इस पर राजा ने मंदिर की स्थापना 400 साल पहले कराई थी।
राधा और रुक्मिणी की एक साथ पूजा
इस मंदिर की खास बात यह हो इस मंदिर में मुरली मनोहर रूप में बांसुरी बजाते भगवान श्रीकृष्ण के के दायीं ओर राधा तो बायीं ओर उनकी पत्नी रुक्मिणी विराजमान हैं। रुक्मिणी माता लक्ष्मी स्वरूपा है। धन, वैभव, एश्वर्य की देवी हैं। वहीं राधा अनंत भक्ति का स्वरूप हैं। भदावर रानी ने राधा और रुक्मिणी को एक साथ विराजमान करके भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति पूजा करती थी। ऐसा कहा जाता है यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति से प्रेरित होकर बनवाया गया था।
भिण्ड
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष, किले में राधा-कृष्ण के साथ विराजमान हैं रुक्मिणी, साथ ही होती है पूजा
- 30 Aug 2021