फूहड फिल्मी गानों पर नाचना गरबा नहीं होता... ऐसे आयोजनों पर कठोर कार्यवाही हो
नवरात्रि जैसे पावन और मंगलमय उत्सव के दिनों में गरबा संस्कृति को जिस प्रकार से अशालीन ,अमर्यादित और फूहड़ता से लबरेज किया जा रहा है उस पर कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है
ये जो मंदिर प्रांगण में और पंडालों में भद्दे 'लवसोंग्स' पर गरबे हो रहा है यह भारतीय संस्कृति पर बहुत बड़ा कुठाराघात है सोचे हम युवा पीढ़ी को क्या दे रहे हैं ?लव-जेहाद बीज हम अपने घर में ही बो रहे है।
यह दिल तुम्हारे प्यार का मारा है...,तेरा करू गिन गिन इंतजार.. जैसे कई फिल्मी गानों पर थिरकते कदम क्या गरबा है ? और भी कई ऐसे गानों पर रिमिक्स बने हैं जो बेहद ही फूहड़ है।
पंडालों में जाकर जहां पर इस टाइप की गाने बज रहे हैं उनके आयोजको को इस प्रकार की फूहड़ता को रोकना और गरबो सम्बन्धी मर्यादा का पालन करवाने की जिमेदारी होना चाहिए ।
साथ ही जनताको भी जब भी और जहाँ भी ऐसे गरबो का पता चले तुरंत विरोध होना चाहिए और बंद करवाने चाहिए।
क्योकि इस तरह के मुद्दे हमारे समाज की ज्वलंत समस्या बनती जा रही है जिस पर गंभीर विचार और निराकरण संबंधी कदम उठाने होंगे।
इंदौर
सनातन धर्म और गरबा संस्कृति का अपमान कर रहे है
- 15 Oct 2021