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इंदौर

सफाई में नंबर 1 रहने वाले शहर में ... नहीं थम रहे सडक़ हादसे

  • 18 Oct 2024

जिम्मेदार विभागों के अधिकारी कर रहे प्रयास, नहीं मिल रही सफलता
इंदौर। मां अहिल्या की नगरी और प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहलाने वाला हमारा इंदौर शहर सफाई में लगातार नंबर का खिताब जीतकर पूरे देश में इस शहर का नाम है, लेकिन यहां की बेतरतीब यातायात व्यवस्था के कारण कई बार बाहरी लोगों को भी कहते देखा जा सकता है कि इंदौर का ट्राफिक बहुत खराब है।
इस खराब सिस्टम को सुधारते हुए शहर को ट्राफिक में भी नंबर बनाने और सडक़ हादसा/दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन, यातायात पुलिस, आरटीओ और अन्य जिम्मेदार विभागों के साथ ही जनप्रतिनिधि भी भरसक प्रयास में जुटे हैं, लेकिन बावजूद इसके शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था सुचारू नहीं हो पा रही है । बेढंगे ट्राफिक और लापरवाहन वाहन चालकों पर लगाम नहीं कसने के चलते सडक़ हादसों का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। जनवरी से अगस्त तक(240 दिन) में कुल 2368 दुर्घटनाओं में193 की मौत हो चुकी है, कुल 1777 घायल हुए हैं, जिसमें 25 गंभीर भी शामिल हैं।
सारे प्रयास बेअसर
दरअसल शायद ही ऐसा कोई दिन जाता है, जब शहर में या आसपास सडक़ हादसा न हुआ हो। लापरवाह और शराबी वाहन चालक आए दिन निर्दोष लोगों को मौत का शिकार बना रहे हैं। इन हादसों पर अंकुश लगाने के लिए कई प्रयास किए गए, लेकिन सब बेअसर ही रहे।  शहर और उसके आसपास बाहरी रास्तों पर कुछ स्थान तो ऐसे हैं, जहां हादसों की आशंका हमेशा बनी रहती है।
वाहन चालकों की लापरवाही
जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वह ऐसी जगहों पर समुचित व्यवस्था करें। लगातार हो रहे हादसों वाले स्थानों को ब्लैक स्पाट के रूप में चिह्नित भी किया जा चुका है और कई जगह पर तो सुधार भी किया गया है, लेकिन अधिकांश जगहों पर अभी सडक़ दुर्घटनाएं/हादसे हो रहे हैं, जो कहीं न कहीं वाहन चालकों की लापरवाही के साथ ही पुलिस-प्रशासन लापरवाह ही देखे जाते हैं।
जागरूकता शिविर, अनाउंसमेंट
हालांकि ट्रेफिक पुलिस और आरटीओ वाहन चालकों को सुरक्षित संचालन की समझाइश देता है। जागरूकता के लिए शिविर लगाता है, चौराहों पर अनाउंस भी करता है। बावजूद, अनदेखी के चलते कई वाहन चालक असमय काल कवलित हो जाते हैं। शहर के क्षेत्रफल के मान से वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आबादी से अधिक वाहन आरटीओ में रजिस्टर्ड हैं।
यह कदम उठा रहे
वाहनों का दबाव कम करने इंदौर विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन, निगम और ट्रेफिक पुलिस प्रयासरत है। हरसंभव दबाव से निपटने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। फ्लायओवर ब्रिज, ओवरब्रिज, सडक़ चौड़ीकरण, लोकसेवा वाहनों का बेहतर संचालन जैसे कई कदम उठाए जा रहे हैं ताकि ट्रेफिक सुधार में कोई आमूलचूल परिवर्तन नहीं हो रहा है।
ये हैं हादसों के मुख्य कारण
शराब पीकर वाहन चलाना, वाहन तेज गति से दौड़ाना, हेलमेट, सीट बेल्ट न लगाना, जल्दी निकलने की जिद, प्रतिस्पर्धा करना, ओवरटेक, रांग साइड से आवाजाही आदि हादसे के कारण है।
पिछले दो साल के आंकड़े
चालू वर्ष 2024 में जहां जनवरी से अगस्त तक हुए सडक़ हादसों में 193 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं बीते वर्ष के आंकड़ों को लेकर ट्रेफिक पुलिस के अनुसार, वर्ष 2022 में कुल 3317 दुर्घटनाओं में 264 की मौत, 55 गंभीर घायल(कुल घायल 2694), वर्ष 2023 में कुल 3566 दुर्घटनाओं में 257 की मौत, 61 गंभीर घायल(कुल 2745  घायल) हुए।
मददगार साबित होंगे ब्रिज
दुर्घटनाएं रोकने और जाम से निजात दिलाने में फ्लायओवर ब्रिज मददगार साबित होंगे। सर्विस रोड पर ब्रिजों के कारण यातायात का दबाव कम होगा। आगामी दिनों में आईटीएमएस( इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम) से वाहन चालकों के चालान जनरेट होने तथा तीन बार से अधिक वाहन चालक का चालान बनने पर आरटीओ द्वारा लायसेंस निरस्त करने से हादसे थम सकते हैं।
लगातार हो रही कार्रवाई
पुलिस उपायुक्त, यातायात विभाग अरविंद तिवारी के अनुसार नियमों की अनदेखी करते हुए सडक़ पर वाहन चलाने वाले लापरवाह वाहन चालकों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। कई बार हादसों में देखा गया है कि लापरवाही के चलते चालक की मौत होती है। खुद चालक ही सुरक्षित वाहन चलाए तो हादसों से बचा सकता है।