सीएम मोहन यादव के प्रमुख सचिव और सचिवालय के अफसर बदलेंगे
भोपाल। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री 13 दिसम्बर को शपथ लेंगे। ऐसे में सीएम पद की शपथ लेने या उसके पूर्व भी सीएम सचिवालय के अफसरों में पद स्थापना में बदलाव होना तय है। इसके अलावा प्रशासनिक स्तर पर अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव स्तर के अफसरों की पदस्थापना भी बदलेगी। इसके बाद कई जिलों में कलेक्टर, कमिश्नर, आईजी और संभागायुक्त भी बदले जा सकते हैं। मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश करने के बाद राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मोहन यादव को सरकार बनाने का न्यौता दिया है और इसके लिए शपथ की तैयारियां भी भोपाल जिला प्रशासन ने शुरू कर दी हैं। इस बीच सीएम बदलने के साथ प्रदेश स्तर पर होने वाली प्रशासनिक सर्जरी की भी चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में सबसे पहले मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को लेकर चर्चा है। वर्तमान प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी 24 मार्च 2020 से सीएम के पीएस के तौर पर पदस्थ हैं।
उन्हें साढ़े तीन साल से अधिक समय सीएम के पीएस के तौर पर काम करते हो चुका है। ऐसे में मंत्रालय के गलियारे में चर्चा है कि सीएम के नए पीएस की पदस्थापना जल्द हो सकती है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में उच्च शिक्षा विभाग में आयुक्त और उप सचिव के रूप में काम कर चुके अफसरों की पदस्थापना भी होने की उम्मीद है। नए सीएम की प्रशासनिक जमावट में सबसे पहले उन अफसरों का हटना तय माना जा रहा है जो एक ही विभाग में तीन साल या अधिक समय से पदस्थ हैं।
इनमें अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मो. सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा के नाम प्रमुख हैं क्योंकि इन अधिकारियों की पोस्टिंग तीन साल से अधिक समय से एक ही विभाग में एक ही पद पर है। इसके अलावा ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे भी एक ही विभाग में लंबे अरसे से पदस्थ हैं।
मुख्य सचिव के नाम पर भी हो सकता है फैसला-
नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ के बाद यादव नए मुख्य सचिव के पद को लेकर भी फैसला करेंगे। वर्तमान मुख्य सचिव वीरा राणा तीस नवम्बर की शाम से मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी अतिरिक्त प्रभार के रूप में निभा रही हैं। अब जबकि सीएम का चेहरा बदल गया है तो मुख्य सचिव के चेहरे को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं।
नए मुख्य सचिव के नामों पर भी जल्द ही निर्णय हो सकता है। वर्तमान मुख्य सचिव राणा 31 मार्च को रिटायर होने वाली हैं। ऐसे में सीएम बनने के बाद यादव सीएस राणा को रिटायरमेंट तक वर्तमान जिम्मेदारी सौंप सकते हैं। पूर्व में यह कयास लगाए जाने लगे थे कि चूंकि प्रदेश में बीजेपी की वापसी लाड़ली बहना योजना के चलते हुए हैं और अगर सीएम के रूप में शिवराज की ही ताजपोशी होती तो वीरा राणा को मार्च तक कंटीन्यू किया जा सकता था, लेकिन अब इसमें बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं।
भोपाल
सबसे पहले होगी सीएम सचिवालय की सर्जरी
- 13 Dec 2023