दूसरी लहर के बाद होनी थी भर्ती, चार महीने से अटकी है फाइल
भोपाल। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के कारण प्रदेश संकट के मुहाने पर है। तीसरी लहर प्रदेश में शुरू हो चुकी है। इसके बाद भी प्रदेश के शासकीय अस्पतालों को विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी आगे भी झेलनी पड़ सकती है। गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा की गई। बैठक में विभागीय मंत्री प्रभुराम चौधरी ने बताया कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती जल्द की जानी है, लेकिन इसके लिए फाइल बीते चार महीने से चल रही है।
हालांकि मंत्री ने कहा कि जल्द भर्ती करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए नया प्रस्ताव लाया जा रहा है। जल्द ही सभी जिला अस्पतालों को एक्सपर्ट डॉक्टर्स मिल सकेंगे। वहीं, शिवराज ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। डॉक्टर्स की नियुक्ति जल्द होनी चाहिए।
मध्यप्रदेश में करीब 4 हजार मेडिकल ऑफिसर व विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। मुख्यमंत्री शिवराज ने सभी जिलों के अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थाओं को सुविधा संपन्न बनाने के निर्देश दिए हैं। शिवराज ने कहा कि हेल्थ एंड वेलनेस केयर सेंटर्स में 63 प्रकार की जांच उपलब्ध हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में मरीजों को प्राइवेट सेंटर्स पर जांच करानी पड़ रही हैं। इसलिए आमजन को इस बारे में जानकारी पहुंचाई जाए। जिससे उन्हें प्राइवेट अस्पतालों न जाना पड़े। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, स्वास्थ्य आयुक्त सुदाम खाड़े, एमडी एनएचएम प्रियंका दास सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
कोरोना- तहसील से लेकर हाईकोर्ट में वर्चुअली सुनवाई का दौर लौटा
कोविड संक्रमण के बीच भी कोर्ट की गतिविधियों को जारी रखने के लिए वर्चुअली सुनवाई का दौर एक बार फिर लौट आया। गुरुवार को मप्र स्टेट बार काउंसिल के पत्र को गंभीरता से लेते हुए चीफ जस्टिस ने वर्चुअल बैठक बुलाई और 10 जनवरी से फिजिकल के साथ ही कोर्ट में वर्चुअली सुनवाई का आदेश जारी कर दिया। कोविड की तीसरी लहर में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अधिवक्ता के साथ जज और न्यायिक कर्मी संक्रमित हुए हैं। संक्रमित भी हो रहे हैं। इसे देखते हुए मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आरवी मलिमठ को पत्र लिखा था। हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर सहित ग्वालियर व इंदौर सहित प्रदेश के सभी जिला और तहसील न्यायालयों में वर्चुअल और फिजिकल सुनवाई का निवेदन किया था।
चीफ जस्टिस ने बुलाई थी वर्चुअल बैठक
स्टेट बार काउंसिल के पत्र को संज्ञान में लेते हुए चीफ जस्टिस ने वर्चुअल बैठक बुलाई। इसमें मप्र स्टेट बार काउंसिल की कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष मृगेंद्र सिंह, अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा, प्रवक्ता राधेलाल गुप्ता, कार्यकारिणी समिति उपाध्यक्ष अहादुल्ला उस्मानी सहित जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर के हाईकोर्ट बार और प्रदेश के जिला अधिवक्ता संघों के पदाधिकारी उपस्थित हुए।
कोर्ट में वर्चुअली सुनवाई का जारी किया आदेश
सभी लोगों का अभिमत सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने जबलपुर मुख्य खंडपीठ सहित इंदौर व ग्वालियर बेंच और सभी निचली अदालतों में 10 जनवरी से वर्चुअल सुनवाई का आदेश जारी किया। वकीलों के पास वर्चुअल सुनवाई की सुविधा नहीं होने पर हाईकोर्ट संसाधन उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा फिजिकल सुनवाई भी होती रहेगी।
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- 07 Jan 2022