इंदौर। राज्य सरकार द्वारा आम जनता की शिकायतों और समस्याओं के निराकरण के लिए शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन व्यवस्था के तहत इंदौर जिले में कई समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है। समस्याओं के समाधान में यहां के कई विभाग कमजोर साबित हो रहे हैं। लिहाजा कई शिकायतें लेवल-4 पर जा रही हैं। इंदौर में अधिकांश शिकायतें नगर निगम, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण विभाग, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग आदि से जुड़ी हैं।
सीएम हेल्पलाइन पर इंदौर जिले में सभी विभागों से जुड़ी 12 हजार से अधिक शिकायतें लंबित हैं। इनमें से लगभग 5500 शिकायतें पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से जुड़ी हैं। इस विभाग की लगभग सभी शिकायतें विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति न मिलने की हैं। शासन की ?र से बजट न मिलने के कारण जमीनी स्तर पर अधिकारियों को भी मुश्किल हो रही है कि प्रकरणों का निपटारा कैसे करें। स्वास्थ्य विभाग में इलाज और प्रसूति सहायता योजना की राशि और अन्य योजनाओं में जरूरतमंदों को लाभ न मिलने की भी 250 से अधिक शिकायतें हैं। इनके अलावा हर महीने गृह विभाग से जुड़ी दो-ढाई हजार शिकायतें आती हैं।
इनका निपटारा तो होता है लेकिन फिर नई शिकायतें आ जाती हैं। यही कारण है कि शासकीय विभागों से जुड़ी शिकायतों का निराकरण करने में इंदौर जिला पिछड़ता जा रहा है। हाल ही में कलेक्टर मनीष सिंह ने चार अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र भी जारी किए थे। इनमें सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सहायक संचालक सुमित रघुवंशी, शासकीय महिला पालीटेक्निक कालेज के प्राचार्य आशीष डोंगरे और लीड बैंक मैनेजर ओपी आनंद शामिल थे।
बेवजह शिकायत करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
कुछ लोग परेशान करने के लिहाज से भी शिकायत कर देते हैं कि उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कुछ शिकायतकर्ता ऐसे हैं जो अलग-अलग विभागों में केवल ब्लैकमेलिंग के लिए शिकायत करने का ही काम करते हैं।इनका मामले से सीधा संबंध भी नहीं रहता। ऐसे आवेदक जो बेवजह, बदनीयती से और ब्लैकमेलिंग के लिए आवेदन करते रहते हैं अब उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इंदौर
सीएम हेल्पलाइन में बढ़ती जा रही इंदौर की शिकायतें, समाधान में पिछड़े अधिकारी
- 19 Feb 2022