लगातार बढ़ती घटनाओं ने अभिभावकों को चिंता में डाला
इंदौर। देश में दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, चेन्नई समेत देश के कई हिस्सों में स्कूलों के अंदर कुछ छात्रों द्वारा किसी छात्र या शिक्षक की हत्या किए जाने की घटनाओं की तरह इंदौर के स्कूलों में भी छात्रों के हिंसक होने की हाल ही में दो घटनाएं सामने आई है। एक घटना में जहां निजी स्कूल में चौथी कक्षा के मासूम छात्र को उसके ही सहपाठियों ने खेल-खेल में विवाद के दौरान राउंडर (डेढ़ टांगा) से हमला कर उसे घायल कर दिया, तो वहीं 9 वीं कक्षा के छात्र पर 11 कक्षा के छात्र ने साथियों के साथ मिलकर हमला कर उसे घायल कर दिया।
इन घटनाओं ने स्कूली बच्चों के अभिभावकों को उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता में डाल दिया है। साथ ही ये ये संकेत दिए हैं कि स्कूली छात्रों में हिंसक प्रवृत्ति बढ़ रही है. मनोवैज्ञानिकों और शिक्षाविदों की मानें तो स्कूली छात्रों के मन में भरी कुंठा, ईष्र्या और असहिष्णुता के कारण स्कूली बच्चे इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। यह प्रवृत्ति धीरे-धीरे समाज के लिए खतरा बनती जा रही है।
चौथी के छात्र पर किए सौ से अधिक वार
जो उम्र मासूम बच्चों के खेलने कूदने की होती है, उस उम्र में बच्चे हिंसक हो रहे हैं और हमले जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। गत 24 नवंबर को एरोड्रम थाना क्षेत्र स्थित गरिमा विद्या विहार स्कूल में पढऩे वाले चौथी कक्षा के छात्र आराध्य पांडे के साथ घटना हुई, जिसमें उसके ही सहपाठियों ने उसके साथ मारपीट करते हुए राउंडर से सौ से अधिक वार कर दिए। मामले में पुलिस के पास 26 नवंबर को शिकायत पहुंची। घायल छात्र के पिता ब्रजेश पांडे का कहना है कि उनका बेटा जब स्कूल से आया तो दहशत में था, उसने बताया कि उसके साथ तीन दोस्तों ने मारपीट की और अपने घाव बताते हुए कहा कि उसे डेढ़ टांगा से मारा है। इस पर परिजन स्कूल पहुंचे तो छुट्टी हो गई थी. दूसरे दिन स्कूल की प्रिंसिपल से संपर्क किया. उनसे सीसीटीवी फुटेज मांगे तो छुट्टी मामले को टालने की कोशिश की। इस पर पुलिस के पास पहुंचे।
क्लास में नहीं थी टीचर
पीडि़त मासूम छात्र के परिजनों का कहना है कि जिस समय स्कूल में मारपीट हुई उस समय क्लास में कोई टीचर नहीं थी। इसलिए बच्चे मस्ती कर रहे थे और इसी दौरान विवाद हुआ।
जांच के बाद स्कूल पर एक्शन
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस द्वारा कमेटी बनाकर जांच की जा रही है। एसीपी मल्हारगंज विवेकसिंह का कहना है कि छात्र के साथ मारपीट करने वाले बच्चों के परिजनों को बुलाकर पूछताछ की जाएगी, वहीं मामले में अन्य जांच के बाद यदि स्कूल प्रबंधन की लापरवाही मिलती है, तो कार्रवाई की जाएगी।
9 वीं के छात्र पर किया हमला
चौथी के छात्र पर हमले की घटना के एक दिन पहले ही सेंटपाल स्कूल में छात्रों के बीच विवाद में 9 वीं के छात्र पर 11 वीं के छात्र ने साथियों के साथ मिलकर हमला कर दिया। मामले में पुलिस ने 11वीं क्लास के नाबालिग स्टूडेंट सहित तीन युवकों गिरफ्तार किया है। आरोपी छात्र के साथ उसका भाई कार्तिक पाटीदार और विनायक शर्मा भी मारपीट में शामिल है। सेंटपॉल हायर सेकेंडरी स्कूल में 9वीं क्लास के स्टूडेंट के साथ 11वीं क्लास के स्टूडेंट ने मारपीट कर दी थी। मारपीट में आरोपी छात्र के कुछ बाहरी साथी भी शामिल थे। घटना में 9वीं कक्षा में पढऩे वाले छात्र की एक आंख पर गहरी चोट लगी है। स्कूल परिसर में सुबह कुछ छात्रों के बीच विवाद हुआ था। छुट्टी होने पर आरोपी छात्र इसी रंजिश के चलते स्कूल पहुंचे थे। गलतफहमी में छात्र के साथ सरिए से मारपीट कर दी। उसकी आंख में गहरी चोट आई है।
दो स्कूली छात्र की हो चुकी है हत्या
शहर में स्कूली छात्रों की हिंसक प्रवृत्ति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जुलाई 2023 में एक स्कूली छात्र की हत्या भी हो चुकी है। जांच में पुलिस को पता चला कि सिगरेट पीने को लेकर दोनों छात्रों के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद आरोपी ने हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया। मामला शासकीय स्वामी विवेकानंद स्कूल का है। यहां पढऩे वाले 12वीं और 11वीं के छात्रों के बीच सिगरेट की बात को लेकर विवाद हो गया था। सीनियर ने जूनियर की शिकायत स्कूल में की थी। इसी बात से नाराज जूनियर ने सीनियर छात्र की चाकू मारकर हत्या कर दी। इसी प्रकार परदेशीपुरा थाना क्षेत्र के नंदानगर में जनवरी 2022 में स्कूली छात्रों के बीच विवाद में एक छात्र की हत्या कर दी गई। जबकि दो छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतक का नाम शिवम पिता मानसिंह चौहान निवासी गौरीनगर है। चाकू मारने वाला आरोपी बैचमेट ही था, जिसे पुलिस ने पकड़ लिया। जांच में पुलिस को पता चला कि शिवम स्कूल की किसी लडक़ी के साथ बात करता था। इसी बात पर आरोपी छात्र ने आपत्ति जताई थी। इसे लेकर दोनों में कई बार कहासुनी भी हो चुकी थी। नंदानगर स्थित हायर सेकंडरी स्कूल में शिवम, नरेंद्र मुकुल कोरी और नितिन मथुरा चौरसिया 11वीं में पढ़ते हैं। घायल छात्र नितिन ने पुलिस को बताया कि स्कूल से शिवम, नरेंद्र और अन्य छात्र माधव के साथ घर जा रहे थे। इसी बीच रास्ते में आरोपी छात्र आया। उसने बिना कुछ कहे चाकू निकालकर शिवम के पेट में घोंप दिया। वो बचाने गए, तो आरोपी ने उन पर भी वार किया। इसके बाद आरोप भाग गया। बाद में पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया।
पार्टी के लिए रची अपने ही अपहरण की साजिश
जुलाई 2023 में एक और चौंकाने वाला सामने आया, जिसमें देवास से इंदौर पढ़ाई के लिए आए एक छात्र ने पैसों के लिए अपने ही अपहरण की झूठी कहानी रच दी। पुलिस ने छात्र और उसके दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया। मामला विजयनगर थानाक्षेत्र का है। मुकेश बड़ौतकर निवासी देवाास ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई कि उनके बेटे का अपहरण हो गया और रुपयों की मांग की जा रही है। पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और वीडियो के आधार पर जांच शुरू की.इस जांच में सामने आया कि छात्र आयुष ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर अपने अपहरण की झूठी कहानी रची थी। छात्रों ने बताया कि उसे पार्टी करने के लिए पैसे चाहिए थे। इसके लिए उसने ऐसा किया.वहीं पुलिस ने छात्र आयुष और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया है. उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है।
देश के अन्य शहरों में छात्रों की हिंसक घटनाएं
दिल्ली के ज्योति नगर इलाके के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्रों ने 10वीं के छात्र की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। दिल्ली से सटे गुरुग्राम के एक बड़े निजी स्कूल में हुई बहुचर्चित प्रद्युम्न हत्याकांड समाज को झकझोर कर रख देने वाली घटना है। उधर, गुजरात के वड़ोदरा में एक छात्र की चाकू से 31 बार वार कर हत्या कर दी गई। दक्षिणी राज्य तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के सेंट मैरी एग्लो इंडियन स्कूल में 12वीं कक्षा के एक छात्र ने प्रधानाचार्य की हत्या कर दी। देशभर में इस तरह की कई घटनाएं हैं, जो स्कूली छात्रों में पनप रही हिंसा की प्रवृत्ति की ओर इशारा करती हैं. ये घटनाएं समाज के लिए खतरे की घंटी हैं।
कुंठा और दबाव का नतीजा
स्कूली छात्रों की प्रवृत्ति में आए बदलाव के बारे में मनोचिकित्सकों का कहना है कि स्कूली बच्चों द्वारा हिंसा कुंठा और दबाव का नतीजा है। स्कूली बच्चों की प्रवृत्ति में आए बदलाव एक कारण यह है कि परिवारों का बच्चों से संवाद कम हो गया है। माता पिता बच्चों को अधिक समय नहीं दे पा रहे हैं जिस कारण बच्चों में नैतिक मूल्य का निर्माण नहीं हो पा रहा है। इससे बच्चों में सहयोग व सद्भाव वाली भावना घट रही है। दूसरा कारण है मानसिक दबाव और तनाव में रहेंगे ही. वे कब क्या कर बैठेंगे, कोई नहीं जानता।
बच्चों के व्यवहार पर रखें नजर
अगर आपको अपने बच्चे के व्यवहार में परिवर्तन नजर आ रहा है तो आपको भी अलर्ट हो जाना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि अपने बच्चे के इस परिवर्तन का कारण पता करने की कोशिश करें। उसे मोबाइल देने की जगह उसके साथ समय बिताने की कोशिश करें।
इंदौर
स्कूलों में विद्यार्थियों के साथ हो रही घटनाएं ... हिंसक होते स्कूली छात्र
- 11 Dec 2023