इंदौर। कृषि उपज मंडी इंदौर के अंतर्गत आने वाली चोइथराम फल और सब्जी मंडी की 210 दुकानों की लीज खत्म होने के बाद भी दुकानदारों को न हटाने के पीछे पूरी तरह इंदौर के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। करीब पांच साल पहले दुकानों की लीज खत्म होने पर मंडी समिति के संचालकों ने यह तय किया था कि सभी 210 दुकानों का भौतिक सत्यापन कराया जाए, ताकि यह पता चल सके कि दुकानों पर वही लीजधारक काबिज हैं? या कोई और हैं? पर मंडी के तत्कालीन अधिकारियों ने निर्वाचित मंडी संचालकों के फैसले को दरकिनार कर दिया। साथ ही फाइल मंडी बोर्ड को भोपाल भेजकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
उस समय सोमेश्वर पटेल मंडी अध्यक्ष और बीबीएस तोमर मंडी सचिव थे। तोमर अब अपर कलेक्टर हैं और साथ ही मंडी के भारसाधक अधिकारी भी हैं। वास्तव में दुकानों की लीज मंडी समिति ने दी थी तो लीज खत्म होने पर इसका निराकरण भी मंडी समिति को ही करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। तोमर के बाद मंडी सचिव बनकर आए सतीश पटेल और मानसिंह मुनिया ने भी कुछ नहीं किया। इसके बाद आए मंडी सचिव राजेश द्विवेदी ने जरूर इन 210 दुकानदारों के लायसेंस के नवीनीकरण के आवेदन खारिज कर दिए।
इंदौर
संचालकों के फैसले के बावजूद नहीं कराया चोइथराम मंडी की 210 दुकानों का भौतिक सत्यापन
- 06 Jul 2021