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इंदौर

स्मार्ट सिटी योजना में लगने थे सौ से ज्यादा ऑटोमेटिक लीटरबिन, कोरोना संकट में भूले अफसर, पिछले साल लगाने की थी तैयारी

  • 30 Jun 2021

इंदौर। स्मार्ट सिटी योजना में नगर निगम को पूरे शहर में 100 से ज्यादा ऑटोमेटिक सिस्टम वाले आधुनिक लीटरबिन लगाने थे, लेकिन चार बार लगातार नंबर वन आकर सफाई का चौका लगाने के बावजूद कोरोना संकट में अफसर इस खास योजना को भूल गए, जबकि इन नए लगने वाले ऑटोमेटिक कचरा बॉक्स का सिस्टम इतना अपडेट था कि लीटरबिन भराते ही तुरंत एसएमएस के जरिए संबंधित व्यक्ति को मैसेज मिल जाता, जिससे अफसरों को लीटरबिन की लोकेशन पता चल जाती की किस एरिए का कौनसा कचरा बॉक्स भराया है, ताकि अफसर उसे हाथों-हाथ खाली करवा सकें, लेकिन हालत यह है कि योजना बनाने के इतने समय बाद भी अब तक ग्रेटर कैलाश की आदर्श रोड़ के अलावा कहीं भी इस तरह के आधुनिक लीटरबिन नहीं लग पाए।
कचरा भरते ही सेंसर से ऑटोमेटिक मिलता है मैसेज
खास बात यह है कि जो डस्टबीन निगम लगाने वाला है उसकी खासियत यह है कि उनमें कचरा भरते ही सेंसर और ऑटोमेटिक सिस्टम के जरिए संबंधित दरोगा और अफसरों के साथ कचरा गाड़ी वालों को भी मैसेज के जरिए पता चल जाएगा कि इस जगह लीटरबिन भरा गया है और उसे खाली करना है, जिससे शहर में हर जगह सफाई व्यवस्था बनी रहे, लेकिन हालत यह है कि दो साल पहले योजना बनाकर अफसर भूल गए। आज तक केवल ग्रेटर कैलाश रोड की आदर्श सड़क के अलावा कहीं और निगम ने स्मार्ट डस्टबिन नहीं लगाए, जबकि योजना के मुताबिक निगम को पूरे स्मार्ट सिटी एरियों के अलावा शहर के प्रमुख बाजारों और चौराहों के साथ सार्वजनिक स्थानों पर सबसे पहले आधुनिक खूबियों वाले स्टील जैसे एल्युमिनियम के लगभग 100 से ज्यादा ऑटोमेटिक लीटरबिन लगाने थे, लेकिन चौका लगाने के बाद लगातार दो साल से कोरोना महामारी के संकट में योजना खटाई में है।