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उज्जैन

सावन का चौथा सोमवार, भगवान शिव के जयकारे गूंजे

  • 31 Jul 2023

उज्जैन में 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद, रात 12 बजे से लाइन में लगे भक्त
उज्जैन/इंदौर। आज सावन महीने का चौथा सोमवार है। अलसुबह से ही मंदिरों में भगवान भोलेनाथ का अभिषेक पूजन करने के लिए भक्तों की लाइन लगने लगी है। वहीं शाम को भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। उधर, उज्जैन के महाकाल मंदिर में तडक़े 2.30 बजे महाकालेश्वर मंदिर के पट खुलते ही मंदिर भगवान शिव के जयकारों से गूंज उठा। देर रात रिमझिम बारिश के बीच भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। रात 12 बजे से भक्त लाइन में लगना शुरू हो गए थे।
तडक़े भस्म आरती में बाबा महाकाल को दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन कर भस्म अर्पित की गई। भगवान महाकाल का भांग, चंदन, आभूषणों से राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार कर आरती की गई। शाम 4 बजे सवारी निकाली जाएगी। सावन के चौथे सोमवार को तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।
दर्शनों का सिलसिला दिन भर चलता रहेगा। यह रात 10.45 पर शयन आरती के बाद समाप्त होगा। बाबा महाकाल लगातार 20 घंटे तक भक्तों को दर्शन देंगे। मंगलवार 4 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत हुई है।
महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार
पुजारी महेश गुरु ने बताया कि तडक़े भस्म आरती में भगवान महाकाल का पहला पूजन किया गया। पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का जलाभिषेक कर दूध, दही, घी, शक्कर, शहद से बने पंचामृत से बाबा का पूजन किया। हरि ओम जल चढ़ाकर कपूर आरती के बाद भांग, चंदन, अबीर के साथ महाकाल के मस्तक पर ऊँ, चंद्र और त्रिपुंड अर्पित कर राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। श्रृंगार पूरा होने के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढक कर भस्म रमाई गई। आखिरी में भगवान की विशेष भस्म आरती की गई।
शाम 4 बजे भक्तों का हाल जानने निकलेंगे महाकाल
महाकालेश्वर मंदिर से सोमवार को शाम 4 बजे बाबा महाकाल की चौथी सवारी निकलेगी। इस दौरान चांदी की पालकी में भगवान महाकाल उमा महेश के स्वरूप में दर्शन देंगे। इसके साथ ही, भगवान के पिछले स्वरूप चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश स्वरूप, गरुड़ पर सवार भगवान शिव तांडव की प्रतिमा भी शामिल रहेंगी। सवारी से पहले महाकालेश्वर मंदिर स्थित सभा मंडप में भगवान का पूजन-अर्चन किया जाएगा।सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजन किया जाएगा। पूजन के बाद सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
महाकाल मंदिर में इस साल 27.82 करोड़ के लड्डू बिके
सावन के 19 दिन में तीन करोड़ का प्रसाद ले गए भक्त, अब मशीन लगाने की तैयारी
महाकाल लोक बनने के बाद से ही महाकाल आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसका असर यहां के लड्डू प्रसादी की बिक्री पर दिख रहा है। सावन के पिछले 19 दिन में ही लड्डू प्रसादी की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। तीन करोड़ रुपए से अधिक के लड्डू बिक चुके हैं। वहीं कुल 9,200 किलो लड्डू श्रद्धालु अपने साथ ले गए। बीते सात महीने की बात करें, तो 27 करोड़ 82 लाख रुपए से अधिक का 7 लाख 73 हजार किलो लड्डू प्रसादी महाकाल मंदिर समिति से भक्तों ने खरीदा है। महाकाल लोक बनने के बाद महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्तों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। इस बार श्रावण माह अधिक मास होने में होने के कारण दो माह का रहेगा। आगामी दिनों में भी बड़ी संख्या में भक्तों के आने की उम्मीद है।
श्रावण माह में अब तक 40 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके
4 जुलाई से शुरू हुए श्रावण माह से लेकर 24 जुलाई तक 21 दिन में महाकाल मंदिर में 40 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यह आंकड़ा मंदिर में लगी हेड काउंटिंग मशीन में दर्ज हुआ है। सोमवार 24 जुलाई को ही सुबह भस्म आरती से लेकर शयन आरती तक 3 लाख 35 हजार श्रद्धालुओं ने एक दिन में दर्शन किए।
लड्डू प्रसादी की खासियत...
11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी ने 856 करोड़ रुपए से बनने वाले महाकाल लोक के पहले चरण का लोकार्पण किया था। इसके बाद से ही बड़ी संख्या में देश भर से भक्त भगवान महाकाल के मंदिर में पहुंच रहे हैं। यहां आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु अपने साथ थोड़ी बहुत मात्रा में लड्डू प्रसाद जरूर ले जाता है। यहां के लड्डू को भारत सरकार की संस्था फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हाइजीन के लिए फाइव स्टार रेटिंग दी है। दरअसल, महाकाल मंदिर में मिलने वाले लड्डुओं को बनाते समय शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है। 1 जनवरी 2023 से 20 जुलाई 2023 के बीच प्रतिदिन औसत साढ़े 6 क्विंटल लड्डू प्रसादी की बिक्री महाकाल मंदिर ने की है। अब तक मंदिर समिति 27 करोड़ 82 लाख रुपए का लड्डू प्रसादी बेच चुकी है। एक जुलाई से 19 जुलाई के बीच 9,200 किलो लड्डू की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। करीब 46 क्विंटल लड्डू प्रतिदिन बिका है। 19 दिन में महाकाल मंदिर समिति की लड्डू प्रसादी से 3 करोड़ 70 लाख रुपए की आय हुई है।