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उज्जैन

सावन के सातवें सोमवार और नागपंचमी का संयोग

  • 21 Aug 2023

नागचंद्रेश्वर के रूप में श्रृंगार, 40 मिनट में दर्शन का दावा; शाम 4 बजे सवारी
उज्जैन । सावन महीने का सातवां सोमवार है। नागपंचमी और सोमवार का संयोग बना है। उज्जैन में महाकाल के दर्शन के लिए रात 12 बजे से श्रद्धालु लाइन में लगना शुरू हो गए थे। रात 2.30 बजे भस्म आरती के लिए मंदिर के पट खोले गए। भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन कर भस्म रमाई गई।
पट खुलने के बाबा महाकाल को पंडे - पुजारियों ने नियमानुसार जल चढ़ाकर दूध, घी, शहद, शक्कर व दही से पंचामृत अभिषेक किया। इसके बाद बाबा का भांग, सूखे मेवों से श्रृंगार कर भस्म चढ़ाई। 1 घंटे चली भस्म आरती में बाबा का भांग, चंदन, फल, वस्त्र आभूषण से नागचंद्रेश्वर के रूप में विशेष श्रृंगार किया गया।
पंडित महेश पुजारी ने बताया कि सावन महीने में महाकालेश्वर मंदिर में पांच आरती होती हैं। सबसे खास भस्म आरती होती है। रोजाना पंचामृत किया जाता है। इन दिनों महाकाल को बेलपत्र और जल चढ़ाने का अलग महत्व है। कुछ भक्त एक से लेकर एक लाख तक बेल पत्र चढ़ाते हैं।
श्रावण माह का 7वां सोमवार और नागपंचमी पर आज उज्जैन कलेक्टर ने नगर निगम सीमा में आने वाले सभी प्री - प्राइमरी से 12वीं तक के सरकारी और प्राइवेट स्कूल में अवकाश घोषित किया है।
40 मिनट में दर्शन का दावा
महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि भक्तों को 40 मिनट में बाबा के दर्शन मिल सकेंगे। तीन एंट्री पॉइंट हैं। श्रद्धालुओं को जिगजैग के जरिए कार्तिकेय और गणेश मंडपम से दर्शन कराए जा रहे हैं। दूसरे शहरों से आने वाले भक्तों के लिए साइन बोर्ड लगाए गए हैं। एरिये को सीसीटीवी से कवर किया गया है। इसके दो कंट्रोल रूम हैं। बड़ी एलईडी लगाई गई है। सात हेल्प डेस्क और महाकाल मंदिर और त्रिवेणी पर आकस्मिक चिकित्सा केंद्र भी स्थापित किए हैं। नागपंचमी होने के कारण इस बार व्यव्सथा में भी बदलाव किया गया है।