" आप सतर्क रहें अपने आजू-बाजू जो कुछ हो रहा है .. उसका आकलन दूरगामी करना चाहिए .. कोई गलत काम तो नहीं हो रहा है .... तो आपको पीछे हट जाना चाहिए l अपराध घटित होते हुए देखते हुए आपको जिम्मेदार नागरिक की भूमिका अदा करते हुए खुद भी इसका विरोध करना चाहिए और पुलिस को कम्युनिकेट करना चाहिए "
इंदौर में लगभग छः वर्षो से पदस्थ और वर्तमान में थाना प्रभारी - छोटी ग्वालटोली के रूप में कार्यरत निरीक्षक सविता चौधरी से कई मुद्दों पर विस्तृत परिचर्चा हुई ।
DGR @ एल.एन.उग्र ( PRO )
इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू हुई है आपको लगता है कि यह सफल होगी ?
इंदौर में जो कमिश्नर प्रणाली लागू हुई है यह बहुप्रतीक्षित थी,इसके 40 साल से लगातार सतत प्रयास चल रहे थे,अब जाकर यह लागू हुई है और हमारे तो माननीय मुख्यमंत्री जी महोदय हैं, जो प्रशासन है उसने यह जो निर्णय लिया है वह बहुत ही सोच समझ कर लिया गया निर्णय है, जनसंख्या के मान से इंदौर और भोपाल में अत्यधिक जनसंख्या हो गई है आज से 20 साल पहले कमिश्नर प्रणाली लागू की जाना चाहिए थी और कमिश्नर प्रणाली लागू हो जाने से निश्चित रूप से अपराध में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित होगी ।
इससे जनता को कितना लाभ मिलेगा ?
इसका जो लाभ है हम जिसकी जन भक्ति देश सेवा कर रहे हैं आम जनता के लिए ही हम काम कर रहे हैं। इसका 100% लाभ है वह आम जनता को ही मिलने वाला है, हर तरह से उसको सहयोग मिलने वाला है, चाहे वह साइबर फ्रॉड हो, चाहे वह महिलाओं से रिलेटेड अपराध हो, प्रॉपर्टी से संबंधित अपराध हो,सभी में ही जनता को लाभ मिलने वाला है ।
अपराधों पर इससे कड़ा शिकंजा कसा जाएगा ?
हां निश्चित रूप से अपराधों पर इसमें शिकंजा कसा जाएगा क्योंकि कमिश्नर प्रणाली जो है उसमें जो निर्णय लिए जाना है वह कमिश्नर सर को लिए जाना है,क्योंकि कमिश्नर सर हमारे वरिष्ठ अधिकारी हैं, वह हमारे जिला लेवल पदाधिकारी हैं। उनसे हम डायरेक्टली जुड़े रहते हैं कम्युनिकेशन करते हैं, हम जिन अपराधियों पर सख्त कार्यवाही कानूनी कार्रवाई कराना चाहते हैं,
क्रियान्वयन कराना चाहते हैं, हमारे कमिश्नर सर ही उसमें निर्णय लेंगे तो वह निर्णय ठोस होगा, प्रभावी होगा और उसके जो दूरगामी प्रभाव हैं आम जनता में परिलक्षित होंगे और अपराधियों में भी खौफ व्याप्त होगा, कि जो जो पुलिस सख्त कार्रवाई करती है अगर हम रिपीटेडली अपराध करेंगे तो उन पर खौफ जरूरी है ।
अपराधी पर खाकी का खौफ कितना होना चाहिए?
अपराधी पर बहुत खौफ होना चाहिए और जो साधारण जनता है आम जनता है जिनको पुलिस से छोटी-छोटी बातों में सहयोग की अपेक्षा रहती है वह बिल्कुल खौफ में ना रहे हमारे जो थाने हैं वह जनता के साथ दोस्ताना व्यवहार करते हैं उनकी समस्या को सुनते हुए जहां काउंसलिंग की आवश्यकता होती है जहां छोटे-मोटे फोन लगाने से ही काम हो जाते हैं हमारी जो महिला ऊर्जा डेस्क है महिलाओं के लिए छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान करती है और जो अपराधी हैं उन पर हम सख्त प्रहार करते हैं।
न्यायिक प्रक्रिया में पुलिस का कितना सहयोग होता है ?
न्यायालय प्रक्रिया पूरी पुलिस के सहयोग से ही चलती है और हमारा जो सो परसेंट सहयोग होता है,वह न्यायालय प्रक्रिया में रहता है चाहे वह समंस वारंट हो या एविडेंस को जाना है, चाहे जघन्य सनसनीखेज अपराध हों उनकी मॉनिटरिंग से रिलेटेड केस हो तो पुलिस का तो पूरा सहयोग रहता है और पुलिस हमेशा सहयोग करने को तत्पर रहती है।
आजकल ड्रग्स की गिरफ्त में युवा बहुत आ रहे हैं आप क्या कहना चाहेंगे?
हम युवाओं को बच्चों को यह संदेश देना चाहेंगे कि आजकल जो सोशल मीडिया प्लेटफार्म बहुत ज्यादा ब्रॉड हो गया है,इंटरनेट आपके पास अवेलेबल है आप अच्छी शिक्षा ग्रहण करें अच्छी बातें देखें समझे और सुने जो लोग ड्रग्स की गिरफ्त में आ चुके हैं उनकी क्या दुर्गति हुई है उनका परिवार उनके माता-पिता किस वेदना से गुजरते हैं जो बच्चे ड्रग्स गिरफ्त में आ जाते हैं उनके क्या दूरगामी परिणाम होते हैं। अंत किस तरह का होता है इसका आकलन करें खुद भी सतर्क रहें औरों को भी सतर्क करें यदि उनके कांटेक्ट में ऐसा कोई व्यक्ति आता है उनको लगता है कि मैं तो इससे प्रभावित हो गया हूं मैं इससे बच नहीं पाया हूं लेकिन समाज के और लोग इस बुरी संगति के असर में ना आए तो निश्चित रूप से वह हमारी इंदौर पुलिस से संपर्क कर सकता है हम उन पर कड़ी कार्यवाही करते हुए उन्हें नशा मुक्ति की ओर ले जाने का प्रयास करते हैं ।
जो आदतन अपराधी हैं उन पर आप कैसे नियंत्रण करते हैं ?
आदतन अपराधी देखिए जो भी कोई भी अपराधी पैदा नहीं होता है वक्त मौका परिस्थिति ऐसी होती है कि व्यक्ति अपराधी बन जाता है हर व्यक्ति के अंदर एक अच्छा और एक बुरा इंसान होता है हमारा पहला काम तो होता है उसको समझा देना काउंसलिंग करना जब भी कोई आदतन अपराधी थाने पर आता है हम उसे मानवता के नाते ट्रीट करते हैं समझाते हैं और कानूनी प्रावधानों के तहत उसे समझाते हैं और उसके बाद भी अगर वह नहीं मानता है जो हमारे सख्त कानून है वह उसके ऊपर लागू किए जाते हैं जिला बदर है रासुका जैसी कार्यवाही है की जाती है जिससे उनमें खौफ व्याप्त होता है।
इस थाने में आपके कार्यकाल की कोई विशेष उपलब्धि जिससे लोगों को लगे कि कुछ सबक मिल सकता है ?
ऐसा कोई खास तो नहीं पर एक हमारे यहां मामला हुआ था जिसमें धमकाकर पैसे लेने वाला 11 लाख का एक मैटर था, जो हमने 24 घंटे के अंदर ट्रेस किया वह एक हमारी अच्छी बरामदगी,थी लोगों के प्रति और जनता के प्रति मेरा तो हमेशा से यही संदेश है यही मैसेज है कि आप सतर्क रहें अपने आजू-बाजू जो कुछ हो रहा है आप भले दृष्टि से सामने देख रहे हो लेकिन आपकी दृष्टि है वह बहुत दूर तक जाना चाहिए सामने वाले व्यक्ति को आप भले ही देख रहे हैं लेकिन उसका आकलन दूरगामी करना चाहिए आपको समझ लेना चाहिए कि आप किसी गलत इंसान की संगति में तो नहीं पड़ रहे हैं कोई गलत काम तो नहीं हो रहा है और हम जब भी कोई काम करते हैं तो हमारे जो ज्ञानेंद्रिय छठी इंद्री जो है, वह क्लिक करती है कि नहीं यहां कुछ गड़बड़ है तो आपको पीछे हट जाना चाहिए। अपराध घटित होते हुए देखते हुए आपको जिम्मेदार नागरिक की भूमिका अदा करते हुए खुद भी इसका विरोध करना चाहिए और अगर आप ना कर पाए तो कम से कम पुलिस को कोऑर्डिनेट करके पुलिस को कम्युनिकेट करके पुलिस के सहयोग से उस पर प्रहार करते हुए उसको वही नेस्तनाबूद करें।
एक पुलिस महिला पुलिस अधिकारी होने के नाते थाने पर आप किस तरह से नियंत्रण करते हैं, थाने का सहयोग आपको कैसे मिलता है ?
मेरे थाने पर जो भी अधिकारी कर्मचारी है उन सभी को मैं अपने परिवार का हिस्सा मानती हूँ, सभी मेरे परिवार के छोटे भाई हैं परिवार में जब किसी से कोई गलती होती है, उसे समझाइश दी जाती है दोबारा उससे इस तरह की गलती ना हो यह समझाया जाता है, और फिर जब कोई बहुत ही ज्यादा लिमिट से बाहर या आप से हटकर कोई गलत काम में लिप्त होता है तो फिर,शरीर के खराब अंगों को काटकर अलग कर दिया जाता है मोहब्बत से समझाते,पारिवारिक वातावरण से थाने में काम करती हूं और करवाती हूं ।
सवाल आम जनता की आप तक पहुंच कैसी है आसानी से लोग अब तक आते हैं अपनी समस्या बताने?
आम जनता मुझसे आसानी से आकर मिल सकती है आम जगह पर मेरे मोबाइल नंबर संपर्क नंबर सभी जगह चस्पा है कोई भी मुझे फोन कर सकता है कोई भी मुझसे मिल सकता है। यह हो सकता है कि हम कहीं व्यस्त हैं,या कोई अर्जेंट काम ना हो तो हम उसे समय दे देते हैं, अगर मैं फ्री हूं थाने पर हूं तो मेरी कोशिश रहती है कि हर महिला हर पुरुष को में अपने स्तर पर ही समस्या का समाधान के लिए मदद करने की कोशिश करती हूँ...
महिलाएं जो अपराध शामिल होती हैं उनको आप कैसे देखते हैं?
कई महिलाएं ऐसी हो गई हैं जो अपने परिवार को सास ससुर को मां बाप को छोड़कर अलग हो गई है, जो अपराध में लिप्त हो गई हैं उन पर भी हम सख्त कार्यवाही करते हैं, अपराधी अपराधी होता है वह महिला और पुरुष नहीं होता है। पहले मानवता का व्यवहार करते हुए उसे एक की काउंसलिंग की जाती है उसकी समस्या समझी जाती है यह इस गलत कार्य में कैसे आई इसकी क्या आवश्यकता है उसकी समस्या को जड़ से समाप्त करने की कोशिश रहती है और फिर भी अगर वह नहीं सुधरती है उसकी पुनरावृत्ति होती है तो फिर उस पर हमारी जो भी कानूनी प्रावधान है उसके तहत उस पर कार्यवाही की जाती है।