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लखनऊ

संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के पीएफ में करोड़ों का घपला

  • 13 May 2022

लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मियों के भविष्य निधि (पीएफ) में करोड़ों रुपये का घालमेल हो गया है। आउटसोर्सिंग एजेंसियों ने कर्मचारियों के मानदेय से पीएफ की कटौती की, लेकिन उस रकम को खाते में जमा नहीं किया। लखनऊ सहित 25 जिलों में यह प्रकरण सामने आ चुका है। ऐसे में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. वेदब्रत सिंह ने सभी सीएमओ व सीएमएस को मामले की पड़ताल करने का निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य विभाग में कोविड 19 व अन्य कार्यक्रमों के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसियों के जरिए कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इन एजेंसियों का चयन जिला स्वास्थ्य समिति करती है, जिसके अध्यक्ष संबंधित जिलों के जिलाधिकारी हैं। प्रदेश भर में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की संख्या 15 हजार से अधिक है। इनके मानदेय से पीएफ कटौती होती है। पर आउटसोर्सिंग एजेंसियों ने मानदेय भुगतान करते वक्त कर्मचारी के हिस्से की पीएफ रकम की कटौती तो कर ली, लेकिन उसे खाते में जमा नहीं किया। लखनऊ में इस तरह का मामला सामने आया तो कर्मचारियों में खलबली मच गई। अब हर जिले में इस तरह का मामला खुल रहा है। 
खास बात यह है कि कई मुख्य चिकित्साधिकारियों ने एजेंसियों को नोटिस जारी करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारियों को भी मामले की जानकारी दी, लेकिन सभी इस मुद्दे पर मौन हैं। उधर, कर्मचारी संगठन लगातार शिकायतें कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि एजेंसियां कर्मचारियों के खाते में जमा होने वाली रकम को दूसरे काम में लगाती हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो कुछ रकम खाते में जमा कर देती हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की मिलीभगत से यह खेल लगातार चलता रहता है।
ईपीएफओ खाते के विवरण से हुआ खुलासा 
लखनऊ के एक कर्मचारी ने ईपीएफओ खाते का विवरण निकाला तो पता चला कि उसके  खाते में फरवरी और अप्रैल की रकम जमा है, लेकिन मार्च 2021 से अब तक के अन्य माह की रकम जमा नहीं की गई है। गोरखपुर में कार्यरत कर्मचारी को मार्च से सितंबर 2021 का बकाया जमा किया गया है। इसके बाद नहीं जमा किया गया है। फर्रुखाबाद के कर्मचारी की सितंबर 2021 से अब तक की रकम नहीं जमा की गई है। बरेली में भी इसी तरह का खेल हुआ है।
साभार अमर उजाला