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हरदा हादसा- रेस्क्यू कर रही वाराणसी से आई एनडीआरएफ की टीम

  • 07 Feb 2024

पटाखा फैक्ट्री में रात में भी पटाखे फूटते रहे, मलबा भी हटाया जाता रहा
हरदा।  हरदा में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से 11 लोगों की मौत हो गई। 217 लोग घायल हो गए, इनमें फैक्ट्री के 51 मजदूर शामिल हैं। 73 लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। 38 घायलों को हरदा से रेफर किया गया है। अब तक 95 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। हरदा जिला अस्पताल में भर्ती मजदूर संदीप ने बताया कि हादसे के वक्त फैक्ट्री में 20-25 बच्चे भी थे।
जिस बेसमेंट में बारूद रखा था और मजदूर काम कर रहे थे, उसका मलबा हटाया जा रहा है। इसके लिए हेडक्वाटर वाराणसी से नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ ) की 35 सदस्यों की टीम आई है।
मंगलवार देर रात तक 2 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। 51 गंभीर घायलों को भोपाल, इंदौर और नर्मदापुरम रेफर किया गया। कई अब भी लापता हैं। टीम मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटी है। हालात का जायजा लेने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को हरदा जाएंगे।
हादसे में फैक्ट्री के आसपास बने 60 घर जल गए। एहतियातन 100 से ज्यादा इमारतों को खाली करा लिया गया। हरदा एसडीएम केसी परते का कहना है कि फैक्ट्री अनफिट थी। उधर, फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल और रफीक खान को रात करीब 9 बजे राजगढ़ जिले के सारंगपुर से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ हरदा सिविल लाइन थाने में केस दर्ज किया गया है।
कमलनाथ बोले- शासन-प्रशासन की लापरवाही
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, हरदा में पटाखा फैक्ट्री में शासन-प्रशासन की लापरवाही के कारण ब्लास्ट हुआ है। वहीं पूर्व कांग्रेस सांसद यादव ने सरकार से चार सवाल किए
फैक्ट्री के मालिक के सत्तारूढ़ पार्टी से क्या संबंध है एवं फैक्ट्री मालिक को हरदा के किस नेता का संरक्षण प्राप्त है?
ब्लैक लिस्टेड होने के बाद भी आबादी क्षेत्र में पटाखा फैक्ट्री कैसे संचालित हो रही थी?
फैक्ट्री मालिक और संरक्षण देने वालों के खिलाफ सरकार के तहत कार्रवाई करेगी ?
जब फैक्ट्री अवैध थी तो इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री कहाँ से आई ?
कांग्रेस नेता अरुण यादव बोले- फैक्ट्री मालिक भाजपा नेता है
हरदा पटाखा फैक्ट्री का मालिक भाजपा नेता है, इनकी ब्लैक लिस्टेड फैक्ट्री एक बड़े कद्दावर नेता के संरक्षण में चल रही थी, फैक्ट्री में विगत वर्षों में 2 बार विस्फोट पहले भी हो चुका है, जिसमें 6 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कहा, वर्ष 2011 में टीकमगढ़ एवं राऊ में पटाखा फैक्ट्री में 14 लोग एवं 2014 में बडऩगर की पटाखा फैक्ट्री में 15 लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2015 में झाबुआ के पेटलावद ब्लास्ट में 79 लोगों की मौत हुई थी। सरकार ने इन घटनाओं से क्यों कुछ नहीं सीखा?
एक-एक करोड़ मुआवजा दे सरकार
उधर, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने घटना के लिए सरकार को दोषी ठहराया है। मृतकों के परिजन को एक-एक करोड़ रुपए सहायता राशि देने की मांग सरकार से की है।