इंदौर। नगर निगम के द्वारा आवारा श्वानों से निजात दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन वह सिर्फ नसबंदी तक सिमित है। लोगों को इनके काटने से दिक्कतें हो रही है लेकिन निगम सिर्फ इनकी तादात बढऩे से रोकने की योजना पर काम कर रहा है इसके बावजूद गली मोहल्लों में इनकी संख्या रुकने का नाम नहीं ले रही है। निगम ने एक एनजीओ को इसके लिए नसबंदी का काम दे रखा है लेकिन फिर भी शहर में इन आवारा श्वानों का खौफ बरकरार है। निगम ने शहर में दो एनजीओ को श्वानों की नसबंदी का जिम्मा सौंपा है। इनमें से एक छावनी में निगम द्वारा अधिकृत रेडिक्स इंफार्मेशन सोशल एजुकेशन सोसायटी श्वानों को शहर के अलग-अलग हिस्सों से पकड़कर लाती है और उनकी नसबंदी करती है। इस कार्य के बदले निगम एजेंसी को प्रतिमाह 10 से 15 लाख रुपये का भुगतान भी करता है।
शहर के गली मोहल्लों में इन आवारा श्वानों का खौफ बरकरार है। लोग शौक के चलते इनको पालते जरुर है लेकिन खुला छोड़ देते हैं और ये आमजन को अपना शिकार बनाते हैं। लोगों का कहना है कि सिर्फ नसबंदी कर देने से निजात नहीं मिलेगी। श्वानों की संख्या तो फिर भी बढ़ रही है क्योंकि जो लोग शौक से घरों में इनको पालते हैं वो नसबंदी नहीं कराते है और खुले छोड़ देते हैं जिससे दिक्कतें होती है। हालाकि लोगों को इनके काटने से ज्यादा डर इनके द्वारा जख्मी कर दिए जाने से है क्योंकि काटने के बाद इंजेक्शन तो लगवाने ही है लेकिन यदि चलते वाहन पर ये टूट पड़े तो गिरकर अस्पताल जाने की नौबत आ जाती है।
जूनी इंदौर क्षेत्र में ज्यादा दिक्कतें
हालाकि शहर की अंदरुनी रहवासी कॉलोनियों में ये श्वान झुंड में रहते हैं तथा किसी की आहट मिलते ही टूट पड़ते हैं। काटने से ना सिर्फ जख्मी करते हैं बल्कि कई वाहन इनके दौड़ते ही वाहनों से भी गिर जाते हैं। निगम के श्वान वाहन इनको पकडऩे के लिए भी आते हैं लेकिन इनकी आहट लगते ही ये गायब हो जाते हैं। निगम के वाहन सिर्फ मुख्य मार्गों से ही होकर निकलते हैं जबकि श्वानों का खौफ मुख्य मार्गों से ज्यादा गलियों में होता है। श्वानों से परेशान शहरवासी नगर निगम कंट्रोल रूम के नंबर 0731-2535555 पर शिकायत कर सकते हैं। नगर निम की टीम आकर श्वानों को पकडऩे की कार्रवाई करती है।
इंदौर
हर माह लाखों खर्च फिर भी डर कायम, काटने से ज्यादा जख्मी करने का डर श्वानों सेराह चलते लोगों पर टूट पड़ते है, एनजीओ को है नसबंदी की जिम्मेदारी
- 06 Jan 2022