नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी में लोग पतंगबाजी कर सकेंगे पर चीनी मांझे के बिना। न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में पतंगबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से इनकार करते हुए कहा कि यह एक धार्मिक-सांस्कृतिक गतिविधि है और इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती। साथ ही अदालत ने सरकार और पुलिस को एनजीटी के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमणयम प्रसाद की पीठ ने कहा कि एनजीटी ने पहले ही चीनी सिंथेटिक मांझा पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यहां तक कि दिल्ली पुलिस भी इस संबंध में अधिसूचना जारी कर रही है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है। पीठ जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा थी। इसमें मांझे की बिक्री, खरीद, भंडारण और परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (अपराधी) संजय लाउ ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा पहले से ही एक अधिसूचना जारी की है कि चीनी मांझे पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और 2017 के बाद से 255 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि आज भी पुलिस उपायुक्त एक और आदेश जारी करने जा रहे हैं कि दिल्ली में चीनी मांझे के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
साभार अमर उजाला
दिल्ली
हाईकोर्ट ने पूर्ण प्रतिबंध लगाने से किया इनकार, कहा- धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधि है पतंगबाजी
- 06 Aug 2022