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जबलपुर

हाईकोर्ट ने वापस लिया छिंदवाड़ा एसपी का निलंबन आदेश

  • 14 Apr 2023

एसपी ने अदालत में पेश होकर मांगी माफी, वारंट तामील नहीं कराने को माना था अवमानना
जबलपुर।  जबलपुर हाईकोर्ट ने छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को सस्पेंड करने के आदेश वापस ले लिए हैं। एसपी वर्मा ने गुरुवार को हाईकोर्ट में पेश होकर माफी मांगी। इसके बाद हाईकोर्ट ने निलंबन आदेश वापस ले लिया। उनके अलावा एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी हाईकोर्ट में पेश हुए। जिसके बाद उनका भी अरेस्ट वारंट वापस हो गया।
इससे पहले चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की डिवीजन बेंच ने बुधवार को एसपी को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि एसपी को अगले आदेश तक सस्पेंड रखा जाए। असल में कोर्ट ने एक मामले में वारंट जारी कर तामीली करने को कहा था। एसपी ने वारंट तामील कराने के बजाय उल्टा कोर्ट को लेटर लिख दिया कि उक्त व्यक्ति का तबादला हो गया है, वारंट तामील नहीं हो सकता। कोर्ट ने इसे आदेश की अवमानना मानते हुए नाराजगी जाहिर की थी।
जमीन अधिग्रहण से जुड़ा है मामला
मामला छिंदवाड़ा में एनएचएआई क द्वारा तुलसी रामायण मंडल नाम की धार्मिक संस्था की जमीन अधिग्रहण का है। छिंदवाड़ा में साल 2018 से पहले खजरी मार्ग पर एनएचएआई ने सड़क निर्माण के दौरान तुलसी रामायण मंडल के 1200 वर्गफीट प्लॉट का अधिग्रहण किया गया था। इसमें महज 600 वर्ग फीट का मुआवजा दिया गया। इसे लेकर संस्था के शिवकुमार शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को जारी किया था वारंट
इसमें एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डी अनिल कुमार को आरोपी बनाया गया था। मुआवजा नहीं मिलने पर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। मामले में कोर्ट ने 2018 में ठऌअक को बाकी 600 वर्गफीट का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया। बावजूद ठऌअक ने संस्था को मुआवजा नहीं दिया। इसी मामले में कोर्ट ने डी अनिल कुमार का गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया। 28 मार्च 2023 को छिंदवाड़ा एसपी को वारंट तामील करने के लिए आदेश दिया गया।
एसपी ने कोर्ट को लिखा लेटर
एसपी विनायक वर्मा ने उक्त वारंट की तामील नहीं करते हुए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को लेटर लिखा। इसमें कहा- प्रतिवादी क्र. 3 डी अनिल कुमार का ट्रांसफर छिंदवाड़ा से दूसरी जगह कर दिया गया है। इस कारण वारंट तामील नहीं किया जा सका।
हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
खास बात यह है कि लेटर में ये उल्लेख नहीं था कि ट्रांसफर कहां हुआ है। इसी बात पर हाईकोर्ट ने आपत्ति जताई। कोर्ट ने इसे लापरवाही माना है। हाईकोर्ट ने आदेश में ये भी कहा था कि एसपी को तब तक सस्पेंड रखा जाए, जब तक अदालत अगला आदेश जारी नहीं कर देती। हाईकोर्ट ने डीजीपी को खुद गैर जमानती वारंट 19 अप्रैल तक यानी एक हफ्ते में तालीम करवाने के आदेश दिए थे।