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इंदौर

हाईटेक जालसाजों ने ठगी का निकाला नया तरीका

  • 22 Apr 2022

कस्टमर केयर नंबरों  पर कॉल करने वालों को बना रहे निशाना
इंदौर। एक ओर जहां पुलिस हाईटेक जालसाजों के द्वारा ठगाए गए लोगों को रुपए वापस दिलवाने में जुटी है तो वहीं इन जालसाजों ने अब ठगी का नया तरीका निकाल लिया है। दरअसल किसी भी कंपनी कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करने से पहले उसकी अच्छी तरह जांच जरूरी है, क्योंकि कस्टमर केयर पर कॉल करने के बाद अकाउंट खाली भी हो सकता है। अब जालसाजों ने ठगी के लिए कंपनियों के नाम पर फर्जी नंबर भी डालने शुरू कर दिए हैं।
देखने में आया है कि किसी भी बैंक का कंपनी से शिकायत होने पर हम उसका कस्टमर केयर नंबर गूगल पर सर्च करते हैं और जो नंबर पहले दिखता है, उसपर कॉल करके समाधान की कोशिश करते हैं। लेकिन अब इस पर भी साइबर ठगों की नजर पड़ गई है और ये इसी का फायदा उठाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। जालसाजों ने इन्ही नंबरों से लोगों को ठगने का नया तरीका निकाला है। पिछले कुछ महीनों में इंदौर में इस तरह के कई मामले सामने आए है, जिसमें कस्टमर केयर पर कॉल करने वाले लोगों के अकाउंट खाली हो गए हैं।
लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए साइबर ठग बड़ी और नामी कंपनियों के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाते है। इस फर्जी वेबसाइट को बिलकुल कंपनी की वेबसाइट की तरह तैयार किया जता है, ताकि किसी को शक न हो। इसमें कंपनी की असली वेबसाइट से मामूली सा अंतर रखा जाता है, जिसपर किसी का ध्यान नहीं जाता और लोग ठगी का शिकार हो जाते है। फर्जी वेबसाइट बनाकर जालसाज इसमें कस्टमर केयर नंबर डालते है, जिसपर कॉल करते ही कस्टमर ठगों से कनेक्ट हो जाता है। कॉल करने वाले शख्स से ये लोग कंपनी का कर्मचारी बनकर बात करते हैं।
हम जब भी गूगल पर कुछ सर्च करते है, तो पहले नंबर पर आने वाली लिंक पर ही क्लिक करते हैं। ऐसे में ये जालसाज वेबसाइट पर इस तरह से काम करते है कि जब भी कोई उस कंपनी का नाम सर्च करे, तो इनकी बनाई हुई फर्जी वेबसाइट गूगल पर सबसे पहले नंबर पर आए और उसपर दिए गए नंबर पर कॉल करके लोग इनके जाल में फंस जाए। इसके बाद ये आसानी से उनसे ठगी कर सके।
इसलिए आई सायबर अपराधों में तेजी
कोरोना महामारी की तीसरी लहर भी अब लगभग निकल चुकी है, लेकिन इस महामारी के चलते लगे लॉक डाउन के दौर में इंटरनेट और सोशल मीडिया पर हमारी निर्भरता और तेजी से बढ़ी है, जो अभी तक है। ऐसे में साइबर अपराधी भी पहले से ज्यादा सक्रिय  हो गए हैं और लोगों से ठगी करने के नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं। इंटरनेट पर बढ़ती निर्भरता और ऑनलाइन कामों से साइबर अपराधों में भी तेजी आई है। ऐसे में  दरअसल फ्री नंबर पर कॉल करते ही साइबर ठग कस्टमर से कंपनी का कर्मचारी बनकर उससे बात करते है और उसकी परेशानी पूछते है। इसके बाद वह कस्टमर से कहते हैं कि वह उनकी परेशानी सुलझा देगा। इसके लिए वह उसके नंबर पर एक लिंक भेज रहा है, वह उसपर क्लिक करे। जैसे ही कस्टमर ठग द्वारा भेजी गई लिंक पर क्लिक करता है, उसका मोबाइल हैंग हो जाता है और मोबाइल का पूरा एक्सेस जालसाजों के पास पहुंच जाता है। इंदौर में इस तरह की ठगी के मामले तेजी से बढ़ें है, जिसके बाद साइबर पुलिस ने लोगों को इससे सतर्क रहने की सलाह दी है।