इंदौर। गौतमपुरा में परंपरा के नाम पर खेला जाने वाला हिंगोट युद्घ इस बार भी नहीं होने की संभावना दिख रही है। नगर में तुर्रा और कलंगी नाम के दोनों दल के युवा हिंगोट युद्घ की तैयारी में एक माह से जुटे हैं। मगर चौराहों पर चर्चा का विषय है कि हिंगोट युद्घ होगा कि नहीं क्योंकि पिछले वर्ष भी कोरोना के चलते यह युद्घ प्रशासन ने नहीं होने दिया था मगर तब भी पुलिस बल हटने के बाद योद्घाओं ने परंपरा नहीं टूटे, इसके चलते रात में कुछ मिनट के लिए युद्घ खेला। इस वर्ष भी शासन द्वारा कोई गाइडलाइन तय नहीं की गई कि युद्घ होगा कि नहीं। प्रशासन की तरफ से कोई तैयारी नहीं दिख रही है। इससे योद्घाओं में निराशा और रोष दोनों दिखाई दे रहा है।
नगर के बुजुर्ग बताते हैं कि युद्घ में सदियों से रुणजी का कलंगी और गौतमपुरा का तुर्रा नामक दल आमने सामने खेलते आ रहे हैं। दोनों दल शाम होते ही ढोल ढमाकों के साथ जुलूस के रूप में भगवान देवनारायण के मंदिर में दर्शन कर युद्घ के मैदान में आमने -सामने लड़ते हैं। जब दोनों आमने -सामने होते हैं तब दोनों एक दूसरे को दुश्मन की तरह वार करते हैं मगर जैसे ही युद्घ समाप्त होता है दोनों दल आपस में गले मिलकर एक दूसरे को बधाई देते हैं क्योंकि इस युद्घ में आज तक कभी हार- जीत का फैसला नहीं हुआ और न ही कभी आज तक इस युद्घ का कोई आयोजक -प्रायोजक होता है। दोनों दल में से जो भी योद्घा घायल होता है उसने आज तक थाने में शिकायत नहीं की। इससे पहले भी कुछ लोगों ने युद्घ को रोकने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी तब इस युद्घ को देखने के लिए मजिस्ट्रेट खुद युद्घ मैदान गौतमपुरा आए थे। इसे देखने के बाद मजिस्ट्रेट ने इस युद्घ को रोकने का कोई फैसला नहीं दिया। अभी याचिका अदालत में विचाराधीन है। इसका फैसला दीपावली के बाद आएगा। अभी युद्घ होगा कि नहीं गेंद प्रशासन के हाथ में है।
इंदौर
हिंगोट युद्घ इस बार भी नहीं होने की संभावना
- 28 Oct 2021