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जबलपुर

1.25 करोड़ का गबन, कोषालय के सॉफ्टवेयर सेंधमारी, भाई-बहन और दोस्तों के खातों में भेजी रकम

  • 28 Nov 2023

जबलपुर। जीवित और मृतक कर्मचारियों के नाम की राशि को कोषालय के साफ्टवेयर में सेंधमारी करके अपने नाम कराने वाला मास्टर माइंड का खुलासा हो गया है। बालाघाट जिले के विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने एक नहीं बल्कि 130 बार ट्रांजक्शन किया और राशि अपने खाते में ट्रांसफर कर ली। यहां तक की पत्नी, भाई और दोस्तों के खातों में लाखों रुपए भेजे।
मामले की जांच शुरू हुई तो आरोपी ने तत्काल उन खातों में राशि वापस भेजना शुरू कर दिया। यह काम एक दिन या एक महीने नहीं बल्कि पूरे पांच साल चलता रहा। खास बात यह हैं कि कोषालय के एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली में सेंधमारी का यह पहला प्रकरण नहीं है। जबलपुर संभाग के तीन जिलों में एक साल के भीतर चौथे मामले का खुलासा हुआ है। इस मामले को लेकर एफआईआर क्यों नहीं हुई, इस बाबत् पूछे जाने पर कलेक्टर की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
ऐसे किया खेल
विकास खंड शिक्षा अधिकारी और लिपिक दुर्गेश वामनकर है। आरोपी ने दूसरे दो से तीन विकासखंड शिक्षा अधिकारियों की आईडी पासवर्ड का उपयोग किया। इन अधिकारियोंं ने भरोसे में दुर्गेश को अपने नाम की आईडी दी थी। आरोपी विकासखंड कार्यालय में एकाउंटेंट का कार्य भी करता था। आरोपी ने भाई अंबेश वामनकर के खाते में 52 लाख भेजे। पत्नी लक्ष्मी वामनकर के खाते के अलावा निकट मित्रों के खातों में अलग- अलग समय पर लाखों रुपए ट्रांसफर किए।
फर्जी बिल लगाकर राशि निकालना। मृत कर्मचारियों की जीपीएफ या अन्य भुगतान के बिलों में हेराफेरी कर राशि अपने खाते में कर लेता था। यहां तक की सरकारी बिजली कंपनियों के सामग्री खरीदी भुगतान के बिल में अपने नाम के बैंक खाते को दर्ज कर लेता था। आरोपी एक्सल शीट में जाकर सिर्फ बैंक खाता नंबर बदलता और जैसे ही कोषालय से राशि ट्रांसफर होती तब वह सीधे दुर्गेश वामनकर के खाते में चली जाती।
21 रिटायर कर्मचारियों के फर्जी क्लेम तैयार किए। पकड़े न जाए इसलिए कैश बुक और बिल ही तैयार नहीं करता था। जो कर्मचारी काम ही नहीं करते थे उनके नाम पर बिल भुगतान करा लिया। एरियर की राशि, मृत कर्मचारियों की पत्नी के खाते की जगह अपना खाता डालकर राशि निकालता रहा। इस पूरे खेल में लेखापाल खडग़ सिंह, अनीता दुबे के नाम सामने आए हैं। वहीं विकासखंड शिक्षा अधिकारियों में राजेंद्र लटारे, खेम सिंह पटले,नरेश प्रसाद की आईडी पासवर्ड का उपयोग किया गया।