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इंदौर

खुलासा / 10 साल पहले बिना पासपाेर्ट मुंबई पहुंची बांग्लादेशी युवती

  • 13 Feb 2020

इंदौर. दोस्त का अपहरण कर फिरौती मांगने वाले मामले में पुलिस ने गुरुवार को बड़ा खुलासा किया। आरोपियाें में दो युवती और एक युवक बांग्लादेशी हैं, जो बिना पासपोर्ट के देश में घुसे और नासिक के रास्ते इंदौर तक पहुंच गए। एक महिला तो 10 साल पहले यहां आई थी, जिसने देह व्यापार करते हुए एक ड्राइवर से शादी की और फिर बांग्लादेश लौटकर पासपोर्ट बनवा लिया। इतना ही नहीं, इसने बांग्लादेश के अलावा फर्जी दस्तावेजों के जरिए भोपाल से भी एक पासपोर्ट हासिल कर लिया। पति - पत्नी दोनों इतने शातिर हैं कि देह व्यापर के लिए एजेंट के जरिए बांग्लादेश से लड़कियों बुलवाने लगे। पुलिस को इनके कब्जे से कुछ नकली नोट, फोटो कॉपी मशीन, कम्प्यूटर, प्रिंटर के साथ ही अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स मिले हैं।

ऐसे हुआ खुलासा
5 फरवरी को गौरी नगर निवासी अनिल पिता राम मनोहर पाल का उसके दोस्त ने पत्नी और अन्य साथियों के साथ मिलकर अपहरण कर लिया। उसे बंधक बनाकर पीटा और उसकी पत्नी को कॉल कर दो लाख रुपए की फिरौती मांगी। उन्होंने कनपटी पर पिस्टल रख वीडियो कॉल कर पत्नी को डराया भी था। पत्नी ने वीडियो का स्क्रीन शॉट लेकर पुलिस को सौंप दिया, जिसके बाद पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर अगले दिन आरोपी किशोर पिता उत्तम खंडारे निवासी महाराष्ट्र, पत्नी मेघा खंडारे, रोनी पिता रोहित शेख और लीमा पिता हैदर हलदर दोनों निवासी बांग्लादेश को गिरफ्तार कर लिया। 
 
बिना पासपोर्ट देश में घुसी, शादी कर पासपोर्ट बनवाने फिर से बांग्लादेश लौटी
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी लीमा और रोनी शेख बिना पासपोर्ट के देश में घुसे थे। रोनी एजेंट है और वह लीमा को देह व्यापार के सिलसिले में आरोपी किशोर के पास लेकर आया था। किशोर दोनों को नासिक से इंदौर लेकर आया था। रोनी और किशोर की पहचान पत्नी मेघा के जरिए हुई थी, क्योंकि मेघा बांग्लादेशी नागरिक है और उसका असली नाम बेगम खातून है। वह करीब 10 साल पहले बिना पासपोर्ट के देश में घुसी थी। काम की तलाश में मुंबई पहुंची बेगम खातून ने नाम बदलकर मेघा रख लिया और यहां देह व्यापार में लिप्त हो गई। इसी दौरान वाशिम महाराष्ट्र निवासी किशोर से उसकी पहचान हुई तो तीन साल पहले दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद मेघा वापस बांग्लादेश लौटी और फिर यहां पर पासपोर्ट हासिल कर 2017 में इंडिया लौटी। यहां से ये इंदौर आ गए और यहां पर पति के साथ देह व्यापार को धंधा बना लिया। इसने बांग्लादेश के अलावा फर्जी दस्तावेजों के जरिए भोपाल से मेघा नाम से एक पासपोर्ट भी हासिल कर लिया। इसके लिए इन्होंने फर्जी मार्कशीट भी बनवाई।

8 हजार रुपए में बनवाई नकली मार्कशीट
मरीमाता चौराहे के पास कम्प्यूटर की दुकान चलाने वाले शिव कुमार यादव के जरिए 8 हजार रुपए में अशोक अग्रवाल पिता तोताराम अग्रवाल निवासी नंदानगर से 8वीं की फर्जी अंकसची तैयार करवाई थी। पुलिस ने इनके कब्जे से पासपोर्ट और नकली अंकसूची सहित अन्य दस्तावेज जब्त कर सहयोग करने वाले आरोपी शिव कुमार यादव और अशोक अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपी अग्रवाल ने बताया कि उसने अब तक 5वीं और 8वीं क्लास की करीब 100 से अधिक नकली अंकसूची बनाई है। जिसमें से अधिकांश अंकसूची उसने परिवहन कार्यालय इंदौर में एजेंट का कार्य करने वाले बाबूलाल गौर को दी है, जो अंकसूची के आधार पर विभिन्न लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि बनवाने एवं कुछ युवकों को अंकसूची के आधार पर आयु प्रमाणन कराकर उन्हें खेलों में शामिल कराने का काम करता है। इस आधार पर आरोपी बाबूलाल पिता नारायण गौड़ निवासी भाई मोहल्ला, इमली बाजार इंदौर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

कई शहरों में घूमे आरोपी
आरोपी कई जगह जैसे अहमदाबाद, नासिक, बैंगलुरु, मुंबई, शिर्डी, इंदौर और पीथमपुर में घूमते रहे हैं। पूछताछ में किशोर खंडारे ने बताया कि 2018 में विश्वास नगर इंदौर में रहते हुए उसने नकली नोट भी प्रिंट किए। उसने करीब 100, 200 और 500 के 8 से 10 हजार रुपए के नोट पीथमपुर और महू क्षेत्र में खपाए थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से नकली नोट, फोटो कॉपी मशीन, कम्प्यूटर, प्रिंटर के साथ ही अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त किए हैं।