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भोपाल

100 बंदी बनेंगे पंडित; जेल में पढ़ रहे मंत्र, कथा, पूजा और हवन का पाठ

  • 04 Mar 2022

भोपाल। भोपाल सेंट्रल जेल में सजा काट रहे 100 से ज्यादा बंदी रिहा होने के बाद पंडित बन चुके होंगे। ये धारा प्रवाह मंत्र बोलेंगे और बुलाने पर घर-घर जाकर ये हवन-पूजन भी कराएंगे। इसके लिए जेल में शिक्षित बंदियों का चयन हुआ। उन्हें गायत्री परिवार के विद्वानों द्वारा पुरोहित बनने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण एक महीने तक चलेगा। इसकी शुरुआत हो चुकी है। बंदियों को आत्मनिर्भर बनाना जेल प्रबंधन का उद्देश्य है।
अखिल विश्व गायत्री परिवार के सदस्य रमेश नागर ने बताया कि शुरुआत में बंदियों को तीज-त्योहार और व्रत व स्नान-दान वालीं तिथियों की जानकारी दी गई है, जिससे वे यह समझ सकें कि किस तिथि या पर्व पर किस विधान से किस देवी-देवता की पूजा की जाती है। उसकी विधि क्या है।
जो हिंदी और संस्कृत पढ़, बोल सकते हैं उन्हें दी प्राथमिकता
भोपाल सेंट्रल जेल के उप जेल अधीक्षक पीडी श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रयोजन के लिए ऐसे बंदियों का चयन किया गया है, जिनकी सजा एक से तीन साल के भीतर पूरी होने वाली है। साथ ही जो हिंदी और संस्कृत पढ़ और बोल सकते हैं।
कर्मकांड और धारा प्रवाह मंत्र सीख रहे
इसी तरह उन्हें किसी भी पूजा, हवन, यज्ञादि में संकल्प आहुति, विसर्जन के दौरान कौन-कौन से मंत्र कब-कब पढऩा चाहिए, यह भी सिखाया जा रहा है। धारा प्रवाह में मंत्र कैसे बोले, इसके लिए हर बंदी को मंत्र बोलने का तरीका, स्वर और मात्रा आदि की भी जानकारी दी जा रही है। कर्मकांड की विधि के अलावा उन्हें बौद्धिक ज्ञान भी दे रहे हैं। उन्हें देवी-देवताओं की कथा और उनके प्रेरणादायी प्रसंग भी पढ़ाए जा रहे हैं।
भजन भी सीख रहे
16 संस्कारों की विधि सिखाएंगे-बंदियों को कुछ दिन बाद यज्ञोपवीत, नामकरण, मुंडन आदि सहित सभी 16 संस्कारों की जानकारी और उन्हें संपन्न कराने की विधि भी सिखाई जाएगी। अभी 50 बंदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, दूसरे सत्र में फिर 50 अन्य बंदियों की कक्षाएं लेंगे। उन्हें संगीतमय भजन करना भी सिखाया जा रहा है।
यह पुरोहित बंदियों को सिखा रहे
नागर ने बताया कि गायत्री परिवार के प्रशिक्षित पुरोहित श्रवण गीते, पंचानन शर्मा, सुरेश कवड़कर, सदानंद अंबेकर रामाराव, कुसुमलाल, एमपी कुशवाह, रघुनाथ प्रसाद हजारी, राहु श्रीवास्तव, दयानंद समेले, राजेश राय आदि बंदियों को धार्मिक कर्मकांड सिखा रहे हैं।