Highlights

भोपाल

11 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट

  • 12 Sep 2022

भोपाल। मध्यप्रदेश में मौसम विभाग ने 12 सितंबर से प्रदेश में एक बार फिर अच्छी बारिश की संभावना जताई है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बन रहा है। इस कारण 12 से लेकर 14 तक प्रदेश भर में पानी गिर सकता है। रविवार से प्रदेश भर में बादल छाने लगे हैं।
आज प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बारिश
नया सिस्टम बनने से प्रदेश के अधिकांश इलाकों में जमकर बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने सीहोर, धार, इंदौर, खंडवा, देवास, सीधी और बैतूल में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, मालवा-निमाड़, बुंदेलखंड, बघेलखंड और महाकौशल से लेकर ग्वालियर चंबल तक हल्की से मध्यम बारिश तीन दिन तक हो सकती है।
यहां पर भारी से भारी बारिश
मंडला, सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, डिंडोरी, शहडोल, अनूपपुर और उमरिया में भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
12 से दूसरा सिस्टम होगा एक्टिव
अभी ट्रफ लाइन काफी ऊपर यूपी की तरफ है। आज ये मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल में नीचे आ जाएगी। इससे दूसरा सिस्टम सक्रिय हो जाएगा। जो तीन दिन तक ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड, बघेलखंड, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, सागर, रायसेन, विदिशा, गुना समेत कई इलाकों में बारिश कराएगा। कहीं-कहीं भारी बारिश के आसार बन सकते हैं।
7 साल में सबसे कम बारिश सितंबर में
जुलाई-अगस्त में झमाझम होने के बाद सितंबर में अब तक कोई भी स्ट्रॉन्ग सिस्टम नहीं होने के कारण 11 दिन से अच्छी बारिश नहीं हुई है। ऐसे में प्रदेश के कई इलाकों जैसे, ग्वालियर, दतिया, निवाड़ी, रीवा, सीधी, झाबुआ और अलीराजपुर की स्थिति खराब हो गई है। इस साल सितंबर में अब तक बीते 7 साल में सबसे कम बारिश हुई है। अब तक कुल 2.16 इंच पानी ही गिरा है। साल 2019 में 17.48 बारिश हुई थी। यह बीते 10 साल में सबसे ज्यादा थी।
कोटे से 5 इंच बारिश ज्यादा
मध्यप्रदेश में 1 जून से अब तक करीब 40 इंच बारिश हो चुकी है। सामान्य रूप से अब तक 35 इंच बारिश होना चाहिए। यह सामान्य से 16त्न ज्यादा है। पूर्वी मध्यप्रदेश की स्थिति ज्यादा ठीक नहीं है। छतरपुर, दमोह, डिंडौरी, जबलपुर, कटनी, पन्ना, रीवा, सतना, सीधी, शहडोल, सिंगरौली, उमरिया और टीकमगढ़ में सामान्य से कम बारिश हुई है। हालांकि सिर्फ रीवा और सीधी ही दो ऐसे इलाके हैं, जहां पर अभी तक कोटे की 70त्न तक बारिश नहीं हुई है। पश्चिमी मध्यप्रदेश में दतिया (32त्न) अलीराजपुर (30त्न) और झाबुआ (26त्न) ही ऐसे इलाके हैं, जहां पर बारिश का कोटा सामान्य से कम रहा है। इसके अलावा धार, मुरैना और ग्वालियर, में सामान्य से कम बारिश हुई है।
यहां औसत से भी ज्यादा बारिश
प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश भोपाल (88त्न) में हुई है। इसके बाद राजगढ़ (85त्न), गुना (58त्न) और आगर-मालवा (57त्न) का नंबर आता है। छिंदवाड़ा (51त्न), विदिशा (49त्न), बैतूल (50त्न), रायसेन (44त्न), देवास (45त्न), सीहोर (43त्न), नीमच (42त्न), शाजापुर (39त्न), श्योपुरकलां (38त्न) सिवनी (35त्न), नर्मदापुरम (35त्न), हरदा (28त्न), बुरहानपुर (28त्न), मंदसौर (25त्न), सागर (24त्न), अशोक नगर (25त्न) और रतलाम (23त्न), में हुई है। सितंबर में अच्छी बारिश नहीं होने के कारण कोटे पर इसका असर पड़ा है।