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14 लाख चुकाए, फिर भी मानने को तैयार नहीं, इस साल सबसे ज्यादा तेज रफ्तार वाहनों पर कार्रवाई

  • 14 Oct 2021


इंदौर। शहर का यातायात व्यवस्थित करने के लिए यातायात पुलिस द्वारा लगातार नियम तोडऩे वालों वाहनों पर कार्रवाई तो की जाती है और हर साल लाखों रुपए चालान के रुप में वसूले जाते है, लेकिन इसके बाद भी कुछ वाहन चालक ऐसे हैं, जो जुर्माना चुकानें के बाद भी मानने को तैयार नहीं है। वर्ष 2021 के जनवरी से सितंबर तक 9 माह में ट्रैफिक पुलिस ने 2 स्पीड गन के सहारे 1467 चालान बनाए हैं, जबकि इससे पूर्व 2019 और 2020 के मिलाकर मात्र 238 चालान थे।
ट्रैफिक डीएसपी उमाकांत चौधरी के अनुसार वाहनों की गति पर लगाम लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस को वर्ष 2016 में एकमात्र स्पीड राडार गन मिली थी, जिससे रिंगरोड, बायपास और सुपर कारिडोर पर कबी-कभी कार्रवाई होती थी। इस एकमात्र स्पीड राडार की मदद से 2019 में तेज रफ्तार के मात्र 58 चालान बनाकर 47 हजार रुपए समन शुल्क वसूला गया था, जबकि 2020 में 180  चालानों से एक लाख 46 हजार रुपए शुल्क जमा कराया गया। बढ़ते हादसों और अधिकारियों के प्रस्ताव पर फरवरी 2021 में ट्रैफिक पुलिस को दो स्पीड लेजर गन उपकरण प्राप्त हुए। इन उपकरणों की मदद से ट्रैफिक अमले ने जनवरी से सितंबर तक तेज रफ्तार से चलने वाले कुल 1467 वाहनों के चालान बनाकर 14 लाख 13 हजार रुपए समन शुल्क वसूल लिया। इसमें जनवरी में 15 चालान के माध्यम से 15 हजार, फरवरी में मात्र एक चालान बनाकर एक हजार रुपए, मार्च 827 चालानों के विरुद्ध 7 लाख 88 हजार, अप्रैल में 149 चालानों से एक लाख 46 हजार रुपए समन शुल्क वसूला गया। मई माह में कोरोना के चलते लाकडाउन लगा था, जिस वजह से कार्रवाई नहीं हो पाई। वहीं जून में 136 चालान बनाकर एक लाख 36 हजार, जुलाई में 230 चालानों से 2 लाख 28 हजार, अगस्त में 84 चालानों से 76 हजार और सितंबर 21 में 25 चालानों के विरुद्ध 23 हजार रुपए समन शुल्क वसूला गया। जबकि इससे पूर्व 2020 में तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों के 180 चालान बनाकर एक लाख 46 हजार रुपए जुर्माना वसूला गया, वहीं इससे पहले 2019 में मात्र 58 चालानों के विरुद्ध ट्रैफिक पुलिस ने 47 हजार रुपए जुर्माना वसूला था।
इंटरसेप्टर वाहन से बढ़ी कार्रवाई
बढ़ते हादसे देखते हुए पीएचक्यू भोपाल से प्रदेश के 33 जिलों को इंटरसेप्टर वाहन मिले हैं, इनमें से एक इंदौर पुलिस को भी इश्यू किया गया है। गत 6 अक्टूबर को डीआईजी मनीष कपूरिया ने एएसपी ट्रैफिक अनिल पाटीदार व अन्य अधिकारियों को अधिकारिक रूप से वाहन सौंपते हुए तेज रफ्तार पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस इंटरसेप्टर वाहन में लगे उपकरण इन्फ्रारेड किरणें एक किमी दूर से ही वाहनों की स्पीड और उसकी पहचान कर लेती है। यह उपकरण रात के अंधेरे में भी सटिक गणना और पहचान करती है। इससी मदद से अभी तक ट्रैफिक मात्र एक सप्ताह में 60 वाहनों के चालान बना चुकी है।