डिफाल्टर किसानों को नगद में मिलेगी खाद
पिछले साल आधे को ही समितियों ने दी खाद
भोपाल। मप्र में सहकारी समितियों के 15 लाख डिफाल्टर किसानों को नकद में खाद लेने की सुविधा दी गई है। किसानों को खाद प्राथमिक सहकारी समितियों (पैक्स) के जरिए मिलता है। इसलिए किसान जिस पैक्स के मेंबर होंगे, वहां 25 मीट्रिक टन खाद उनके लिए रखवाया जाएगा। इसे वे नकद पैसा देकर ले सकेंगे। जैसे ही यह खाद पूरा बिक जाएगा। समितियां इसका पैसा जमा कराकर फिर से खाद खरीद सकेंगे। हालांकि ज्यादातर डिफाल्टर किसान ग्वालियर और चंबल संभाग के हैं।
यह व्यवस्था वहां की जरूरतों को ध्यान में रखकर ही की गई है। सरकारी आकलन में डिफाल्टर किसानों की संख्या 15 लाख ही बताई गई है। लेकिन समितियों ने पिछले वर्ष केवल 39 लाख किसानों को ही खाद दी थी, जबकि समिति में कुल 76 लाख किसान सदस्य हैं। यानी लगभग आधे किसानों को ही खाद मिला था। इस योजना को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि लंबे समय से कर्ज में डूबे किसानों की माली हालात ऐसी नहीं है कि वे नकद में खाद ले पाएं।
20 फीसदी खाद ज्यादा मिलेगी, लेकिन फिर भी संकट
मप्र में कुल 4524 प्राथमिक सहकारी समितियां हैं। इनके 76.18 लाख किसान सदस्य हैं। 2300 समितियां घाटे में हैं। 15 लाख किसान भी डिफाल्टर हैं। 2021-22 में मप्र सरकार को 12.16 लाख टन यूरिया, 6.03 लाख टन डीएपी और 1.63 लाख टन एनपीके खाद की आपूर्ति की थी। 2022-23 के लिए सरकार ने 13 लाख टन यूरिया, 10 लाख टन डीएपी और दो लाख टन एनपीके की आपूर्ति खरीफ-रबी दोनों सीजन की फसलों के लिए की जाएगी।
राहत के लिए नया सिस्टम
डिफाल्टर किसानों को नकद में भी खाद लेने की पात्रता नहीं थी। हमने उन्हें राहत देने के लिए इस बार से यह सिस्टम प्रारंभ किया है। वे सोसायटी में विशेष पूल के तहत रखी खाद नकद में जाकर ले सकते हैं। -केसी गुप्ता, पीएस, सहकारिता, मप्र शासन
खाद उपलब्ध कराएं
मप्र ज्यादातर किसान कर्जमाफी योजना बीच में बंद होने से डिफॉल्टर हुए हैं। सरकार को चाहिए कि उनकी लिमिट के अनुसार जो पात्रता बनती है, उतनी खाद उन्हें उपलब्ध कराए। -सचिन यादव, पूर्व कृषि मंत्री, मप्र
छोटे-छोट कर्जों ने बनाया डिफाल्टर.... कृषि अर्थशास्त्री देवेंदर शर्मा ने कहा कि ज्यादातर किसानों ने छोटे-छोटे कर्ज लिए थे, जिसे वह चुका नहीं सके। डिफाल्टर हो गए। ऐसे में यह किसान नकद में खाद कहां से खरीद पाएंगे। 5 एकड़ जैसी छोटी जोत के किसानों को भी कम से कम 15-20 हजार रुपए की खाद चाहिए। सरकार को चाहिए कि वह अभी इन्हें खाद दे दे। बाद में फसल आने पर इनसे वह कर्ज ले ले।
भोपाल
15 लाख किसान डिफाल्टर
- 24 Sep 2022